संघ मुख्यालय पर हमले के मास्टरमाइंड लश्कर आतंकी सैफुल्ला पाकिस्तान के सिंध में ढेर

अज्ञात बंदूकधारियों ने किया ढेर, मारे गए लश्कर आतंकी को पाकिस्तान ने दे रखी थी सुरक्षा

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्यालय पर वर्ष 2006 में हुए हमले के मुख्य षडयंत्रकारी और लश्कर-ए-तैयवा के आतंकवादी रजाउल्ला निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्ला की रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात वंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पाकिस्तान सरकार ने उसको सुरक्षा दे रखी थी। खालिद 2000 की शुरुआत में नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अभियानों का नेतृत्व करता था और उसे विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्ला नाम से भी जाना जाता था।

अधिकारियों ने वताया कि खालिद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा था। उन्होंने वताया कि खालिद आज रविवार को दोपहर सिंध के मतली में अपने घर से निकला था और सिंध प्रांत के वदनी में एक चौराहे के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी। लश्कर के अबू अनस का करीवी सहयोगी खालिद नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे।

संघ मुख्यालय पर हमले के अलावा, लश्कर का यह आतंकवादी खालिद 2005 में वेंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हुए थे। आतंकवादी घटनास्थल से भाग निकले थे, हालांकि वाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अनस अव भी फरार है।

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खालिद 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात जवान और एक नागरिक की मौत हो गयी थी। दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के वाद खालिद नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट गया था ।

वाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद- दावा के कई नेताओं के साथ मिलकर काम किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के लिए लश्कर- ए-तैयवा कमांडर यूसुफ मुजम्मिल, मुजम्मिल इकवाल हाशमी और मुहम्मद यूसुफ तैवी शामिल थे। खालिद को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयवा और जमात-उद-दावा के नेतृत्व ने सिंध के वादिन और हैदरावाद जिलों के इलाकों से नये आतंकवादियों की भर्ती करने और आतंकी संगठन के लिए धन जुटाने का काम सौपा था। सिंध से आई खबरों के अनुसार, गोली लगने के वाद खालिद को अस्पताल ले जाया गया।

भारत-पाक युद्ध विराम की कोई अंतिम तिथि नहीं

भारतीय सेना ने किया स्पष्ट
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के वीच पिछले सप्ताह सैन्य कार्रवाई रोकने पर वनी सहमति की कोई ‘समाप्ति तिथि’ नहीं है। भारतीय सेना ने रविवार को यह जानकारी दी। भारतीय सेना की ओर से यह स्पष्टीकरण उन खवरों के वाद आया है कि दोनों सेनाओं के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति रविवार शाम समाप्त हो गई। भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने 12 मई को सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई थी।

यह सहमति मुख्य रूप से दो दिनों के लिए तव वनी थी, जव दोनों देशों के डीजीएमओ ने 10 मई को हॉटलाइन पर वातचीत की थी। भारतीय सेना ने एक संक्षिप्त वयान में कहा, जहां तक 12 मई को डीजीएमओ की वातचीत में लिए गए निर्णय के अनुसार संघर्ष रोकने पर वनी सहमति का सवाल है, तो इसकी कोई समाप्ति तिथि नहीं है।

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