इंडिया जस्टिस सिस्टम रिपोर्ट 2025
नई दिल्ली। देश में प्रति दस लाख आवादी पर केवल 15 न्यायाधीश है, जो विधि आयोग की प्रति दस लाख की आबादी पर 50 न्यायाधीशों की सिफारिश से बहुत दूर है। मंगलवार को जारी ‘इंडिया जस्टिस सिस्टम रिपोर्ट’ 2025 में यह जानकारी सामने आई है। ‘इंडिया जस्टिस रिपोर्ट’ के मुताबिक, 1.4 अरव लोगों के लिए भारत में 21,285 न्यायाधीश है या प्रति दस लाख की आबादी पर लगभग 15 न्यायाधीश मध्यप्रदेश हाईकोर्टों में प्रति न्यायाधीश मुकदमों का बोझ 15,000 है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिला न्यायपालिका में महिला न्यायाधीशों की कुल हिस्सेदारी 2017 में 30 प्रतिशत से बढ़कर 38.3 प्रतिशत हो गई है और 2025 में हाईकोर्टों में यह 11.4 प्रतिशत से बढकर 14 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया, राष्ट्रीय स्तर पर जिला न्यायालयों में प्रति न्यायाधीश औसत कार्यभार 2,200 मामले है।
रिपोर्ट बताया गया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कि छह प्रतिशत किन तुलना में जिला न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों की हिस्सेदारी अधिक है। वर्तमान में, 25 हाईकोर्टों में केवल एक महिला मुख्य न्यायाधीश है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की जिला अदालतें देश में सबसे कम रिक्तियों वाली न्यायिक शाखाओं में से है, जहां 11 प्रतिशत रिक्तियां और 45 प्रतिशत महिलाएं न्यायाधीश है।
जिला न्यायपालिका में, केवल पांच प्रतिशत न्यायाधीश एसटी से और 14 प्रतिशत एससी से है। वर्ष 2018 से नियुक्त हाईकोर्ट के 698 न्यायाधीशों में से केवल 37 न्यायाधीश एससी और एसटी श्रेणियों से है । रिपोर्ट के मुताविक, न्यायपालिका में ओबीसी का कुल प्रतिनिधित्व 25.6 प्रतिशत है।
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