पतंजलि और उससे जुड़ी दो कंपनियों पर घटिया घी बेचने का आरोप
उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने सुनाया फैसला
नई दिल्ली। पतंजलि और उससे जुड़ी दो अन्य कंपनियों पर घटिया भी बेचने के आरोप में 1.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने यह फैसला सुनाया है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने बताया कि यह मामला साल 2020 में पतंजलि के गाय के घी के एक सैंपल से जुड़ा है। यह सैंपल रूटीन जांच के दौरान पिथौरागढ़ के कसनी इलाके में करण जनरल स्टोर से लिया गया था। इस सैंपल को पहले उत्तराखंड की लैब (रुद्रपुर) में जांच के लिए भेजा गया था। वहां जांच के नतीजे आए तो पता चला कि घी खाने की सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरा है। यानी यह घटिया क्वालिटी का था।
उन्होंने यह भी बताया कि लैब रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इस भी को खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और लोग बीमार भी हो सकते हैं। इसके बाद साल 2021 में पतंजलि कंपनी की इस बारे में नोटिस भेजा गया था, लेकिन कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं आया फिर कंपनी के अधिकारियों ने खुद ही सैंपल की दोबारा जांच कराने की मांग की।

उन्होंने कहा कि सैंपल को किसी सेंट्रल लैब में टेस्ट किया जाए। इसके लिए पतंजलि से 5000 रुपये की फीस भी ली गई थी। इसके बाद 16 अक्टूबर 2021 को अधिकारियों की एक टीम गाजियाबाद (यूपी) की नेशनल फूड लैब गई। वहां घी के सैंपल की दोबारा जांच की गई।
नेशनल फूड लैब ने दी रिपोर्ट: 26 नवंबर 2021 को नेशनल फूड लैब ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में भी घी के सैंपल फूड सेफ्टी टेस्ट में फेल हो गए। इस रिपोर्ट को करीब दो महीने तक अच्छे से पढ़ा और समझा गया। इसके बाद, 17 फरवरी 2022 को यह मामला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहाँ इसके डिस्ट्रीब्यूटर पर 25,000 रुपए और जिस दुकान से सैंपल लिया गया था उस पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह फैसला पिथौरागढ़ के एडजुडिकेटिंग ऑफिसर/एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुनाया।
