विधान परिषद चुनाव में सपा व कांग्रेस आमने-सामने अखिलेश के बाद अजय राय ने भी घोषित किए पांच प्रत्याशी

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लखनऊ। यूपी एमएलसी चुनाव में सपा और कांग्रेस आमने-सामने मैदान आ गए हैं। समाजवादी पार्टी के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने भी स्नातक और शिक्षक स्नातक विधान परिषद सीट के लिए पांच प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करते हुए यह भी कहा कि यूपी की सभी 11 सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेगी। इससे पहले गुरुवार को सपा ने भी पांच सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान किया था । राजनीतिक विश्लेषक इसे इंडी गठबंधन में झटके के रूप में देख रहे हैं। यूपी में फरवरी में एमएलसी चुनाव संभावित है । वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।

कांग्रेस ने मेरठ-सहारनपुर स्नातक विधानपरिषद सीट पर विक्रांत वशिष्ठ को टिकट दिया है। आगरा स्नातक विधानपरिषद सीट पर रघुराज सिंह पाल को उतारा है। इसी तरह लखनऊ स्नातक विधानपरिषद सीट पर डॉ. देवमणि तिवारी को मौका दिया गया है। वाराणसी शिक्षक विधानपरिषद सीट पर संजय प्रियदर्शी और वाराणसी स्नातक विधानपरिषद सीट पर अरविंद सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है।

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अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं और शिक्षकों की आवाज को सदन में बुलंद करने के लिए आगामी विधानपरिषद चुनाव में सभी 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी । प्रदेश कांग्रेस कार्यालय लखनऊ में एक कनेक्ट सेंटर स्थापित कर दिया गया है। प्रत्येक जिले में एक ऑर्डिनेटर कमेटी बनाई जाएगी जो कनेक्ट सेंटर से जुड़ी रहेगी। सभी फ्रंटल संगठनों को इसमें लगाया गया है। विधि, शिक्षक एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ को इस चुनाव के लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, नयी भर्तियां नहीं निकल रही हैं । परीक्षा हो रही तो पेपर लीक हो जा रहे हैं नतीजन बेरोजगार युवा रोजगार न मिलने से अवसाद से ग्रसित हो जा रहे हैं। शिक्षक इस वर्तमान सरकार में सबसे ज्यादा परेशान हैं। न तो वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय दिया गया और न ही सेवा सुरक्षा । एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा भी भाजपा सरकार ने समाप्त कर दी है।

पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है । शिक्षकों के पद रिक्त हैं यह सरकार शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाकर केवल मजाक कर रही है। प्राइमरी से लेकर डिग्री तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए बनाया गया यह आयोग एक भी भर्ती न करा पा रहा है। इसी सरकार में बनाई गई चेयरमैन इस्तीफा दे रही हैं। 2021 में निकले विज्ञापनों की अभी तक परीक्षा नहीं हो पा रही है।

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