तीन माह के भीतर कुछ खातों में सात करोड़ की हुई विदेशी फंडिंग
लखनऊ । धर्मांतरण प्रकरण में एजेंसियों की रडार पर आए छांगुर वावा के 18 खातों ने विदेशी फंडिंग की हकीकत वयां कर दी है। ईडी की जांच में आया कि छांगुर वावा के खातों में 68 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हुई। सिर्फ तीन माह के भीतर उसके खातों में सात करोड़ रुपये आया । वताया जा रहा है कि झांगुरवावा के 40 वैंक खाते हैं, जिसमें अभी 18 का लेन-देन सामने आया है। एजेंसियों का मानना है कि छांगुर वावा नेपाल के सटे जिलों में धर्मांतरण करा रहा था । इसके एवज में वह विदेशों से मोटी रकम ले रहा था। फिलहाल, ईडी वावा की सम्पत्तियों का व्यौरा इकट्ठा कर रही है। साथ ही इनकम टैक्स विभाग ने भी कमर कस ली है कि अभी तक छांगुर वावा की संस्थाओं ने कितना रिटर्न भरा है।
एजेंसियों के मुताविक, छांगुर वावा वर्ष 2015 से धर्मांतरण कराने के खेल में दाखिल हुआ। गुपचुप तरीके से उसका खेल चलता रहा। लेकिन नवम्बर 2024 में धर्मांतरण प्रकरण में यूपी एसटीएफ ने जांच के वाद मुकदमा दर्ज किया, फिर छांगुर के वेटे महबूव और नवीन को गिरफ्तार किया। हालांकि इस एफआईआर में छांगुर वावा भी नामजद था। पर, नसरीन उर्फ नीतू ने इस मामले में झूठी एफआईआर का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। इसी कारण उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई । वाद में हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद यूपी एसटीएस ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उसकी गिरफ्तारी की ।
कई राज्यों में फैला रखा है नेटवर्क
छांगुर वावा के धर्मांतरण वाले तार कई राज्यों में फैले हुए हैं। उसके गैंग के लोग महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, विहार, पश्चिमी बंगाल और गुजरात में फैले हुए है। उसने विदेशी फंडिंग से पूरे गैंग को मजबूत किया। एजेंसियों का दावा है कि उसके गैंग में एक हजार से अधिक मुस्लिम युवकों की फौज है। हालांकि छांगुर वावा का कहना है ये लोग उसके मानने वाले हैं। उसकी वातों से उन्हें फायदा पहुंचता था, जिसके कारण ये लोग उससे जुड़े हुए हैं। वहीं, वताया जा रहा है कि युवतियों का धर्मांतरण करने के वाद वह उन्हें लाखों रुपये देता था, जिससे वह आगे की जिंदगी विताएं ।
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