न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए तीन साल की प्रैक्टिस जरूरी

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिया फैसला नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि युवा विधि स्नातक होते ही न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते है और प्रवेश स्तर के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम तीन साल वकालत करना अनिवार्य है। इस फैसले का न्यायिक सेवा के अभ्यर्थियों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा प्रधान न्यायाधीश वीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने भावी न्यायाधीशों के लिए अदालती अनुभव के महत्व को दोहराया। प्रधान…

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