तीन जनवरी के शासनादेश को मिली मंजूरी, विभाग कर सकेगा स्थानांतरण व समायोजन
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दी है। अब शिक्षामित्रों की उनके मूल विद्यालय में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। इससे करीब 1.43 लाख शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। सरकार के इस कदम से जो शिक्षामित्र अपनी ग्राम सभा में चयनित हुए थे लेकिन समायोजन के बाद उनको जिले में दूसरे ब्लॉकों में 80 से 100 किमी दूरी पर भेज दिया गया था।
वह अब अपनी ग्राम पंचायत के विद्यालय में लौट सकेंगे और घर के नजदीक शिक्षण कार्य कर सकेंगे। इससे करीब 1.43 लाख शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी से संबंधित तीन जनवरी 2025 को शासनादेश जारी किया था। जनवरी में जारी शासनादेश के तहत इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शासन से अनुमति मांगी थी।
इसके ऐवज में सरकार ने प्रथम चरण में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का उनके मूल विद्यालय में स्थानान्तरण- समायोजन के लिए अनुमति प्रदान कर दी गई है। सरकारी अनुमति के बाद प्रदेश भर में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। शिक्षामित्र अपने मूल स्थान या उसके बेहद आसपास के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर सकेंगे।