नयी दिल्ली । भारत और पाकिस्तान में सैन्य टकराव रोकने के लिए बनी सहमति के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्देश दिया है कि पाकिस्तान की हर कार्रवाई का अधिक सख्ती से जवाब दिया जाना चाहिए और अगर वहां (पाकिस्तान) से गोली चलेगी तो यहां (भारत) से गोला चलेगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ भारत का अब ऐसा ही कठोर रुख रहेगा। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद की अब और भी अधिक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और इस्लामाबाद आतंकवाद को समर्थन जारी रखते हुए अपने पसंद के क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद नहीं कर सकता। सूत्रों ने कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और चर्चा का एकमात्र मुद्दा यह है कि पाकिस्तान अपने अवैध कब्जे वाले क्षेत्र को वापस करे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जारी रहने तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ केवल सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर पर बातचीत होगी।
उन्होंने कहा कि किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद भारत का रुख यही था कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी करता है, तो भारत अधिक मजबूती से जवाब देगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव में कमी लाने के लिए 10 मई को पाकिस्तानी सैन्य अभियान महानिदेशक ने ही भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने उससे संपर्क करने वाले देशों से कहा कि वह पाकिस्तानी सीमा में आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे पर हमला करेगा। सात मई के हमलों के बाद पाकिस्तान की हर कार्रवाई का करारा जवाब दिया गया। गौरतलब है कि सीमा पर चार दिन तक भीषण सैन्य संघर्ष के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार शाम घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमति बन गई है।
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार से गोलीबारी के मामले में ताजा घटनाक्रम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। राहुल ने अपने पत्र में लिखा है, मैं विपक्ष के सर्वसम्मति से किए गए अनुरोध को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए।
लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दोनों देशों के संघर्ष विराम के लिए तैयार होने की घोषणा पर चर्चा करना अहम है। यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का भी अवसर होगा। खड़गे ने अपने पत्र में उनके और राहुल गांधी की ओर से 28 अप्रैल को लिखे गए पत्रों का जिक्र किया, जिनमें प्रधानमंत्री से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया था।
राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर व जैसलमेर में रहा ब्लैक आउट
जयपुर। पाकिस्तान की तरफ से शनिवार रात संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने के बाद राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिले में रविवार रात को भी एहतियातन ब्लैकआउट रहा। बाड़मेर में रात के समय ड्रोन आने की गतिविधि दिखने का अलर्ट भी जारी किया गया। बाड़मेर में ब्लैकआउट रविवार रात आठ बजे शुरू हुआ जबकि जैसलमेर में शाम साढ़े सात बजे लागू कर दिया गया।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर
यह ऑपरेशन भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ शुरू की गई एक बड़ी सैन्य मुहिम है। इसका मकसद न सिर्फ सीमा पार आतंकियों के ठिकानों को तबाह करना है बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश देना भी है कि अब भारत हर हमले का जवाब तुरंत और तगड़ा देगा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत हाल ही में बहावलपुर में जैश-ए- मोहम्मद के मुख्यालय पर जबरदस्त हमला किया गया। भारत ने इस ने कार्रवाई में अपने सबसे आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों का इस्तेमाल किया। यह हमला इसलिए भी अहम था क्योंकि जैश-ए- मोहम्मद का गठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने किया था।
सूत्रों का कहना है कि यह सीधा संदेश था कि भारत अब आतंक को बढ़ावा देने वालों को भी निशाना बनाएगा। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए।
यह भी पढ़ें : भिक्षुक मुक्त शहर इंदौर के मॉडल को अपनाएगी दुनिया