आपरेशन सिंदूर : पारम्परिक दायरे में रहा भारत-पाक संघर्ष

पड़ोसी देश ने नहीं दिया था परमाणु हमले का संकेत

नई दिल्ली । विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को एक संसदीय समिति को वताया कि भारत और पाकिस्तान के वीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा तथा पड़ोसी देश की ओर से परमाणु (खतरे) का कोई संकेत नहीं दिखा। सूत्रों ने कहा कि मिसरी ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर द्विपक्षीय स्तर पर सहमति बनी थी।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के वीच संघर्ष को रोकने में अपने प्रशासन की भूमिका होने का दावा किया था।

आपरेशन सिंदूर से जुड़े घटनाक्रम से संसदीय समिति को अवगत कराया विदेश सचिव ने

समिति की बैठक में कुछ विपक्षी सदस्यों ने ट्रंप के इस दावे को लेकर भी सवाल उठाया। सूत्रों ने वताया कि कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने सैन्य संघर्ष में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल किया था । मिसरी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तवाह कर दिया। भारत और पाकिस्तान द्वारा शत्रुता समाप्त करने का निर्णय लिए जाने के वाद वाहवाही लूटने के इरादे से ट्रंप द्वारा किए गए कई सोशल मीडिया पोस्ट के वारे में जब विपक्ष के एक सदस्य ने पूछा, तो विदेश सचिव ने चुटकी लेते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसा करने के लिए उनकी अनुमति नहीं ली थी।

सूत्रों ने वताया कि समिति के सदस्यों ने सैन्य संघर्ष रुकने के वाद मिसरी को ‘ट्रोल’ किए जाने की घटना की सर्वसम्मति से निदा की और उनके पेशेवर आचरण की प्रशंसा की। भारत के खिलाफ तुर्की के प्रतिकूल रूख के वारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तुर्की पारंपरिक रूप से भारत का समर्थक नहीं रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक वनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा की अपराजिता सारंगी एवं अरूण गोविल आदि ने भाग लिया।

यह वैठक भारतीय सशस्त्र वलों द्वारा पहलगाम हमले का वदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिदूर’ शुरू किए जाने और उसके वाद दोनों देशों के वीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई। भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे।

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कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली । कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर सोमवार को कहा कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाव देना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और पाकिस्तान की भाषा वोल रहे हैं।

कांग्रेस और राहुल गांधी ने जयशंकर के एक वयान का वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर हमलों से पहले, भारत सरकार ने पाकिस्तान को इस वारे में सूचित किया था। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस तरह के दावों को गलत बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने माना था कि भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सचेत किया था। राहुल ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘क्या विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सव कुछ बता नहीं रही है? यह घातक है। इसलिए, मै फिर से पूछूंगा कि हमने कितने भारतीय विमान गंवा दिए।

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