आपातकाल : जब नरेंद्र मोदी जेल में बंद हिंदुत्व संगठनों के साथियों से मिलने स्वामी के वेश किया धारण

आपातकाल के दौरान मोदी की यात्राओं का उल्लेख करने वाली एक पुस्तक में यह बात कही गई

नई दिल्ली । आपातकाल के दौरान प्रतिबंधित आरएसएस के सदस्य के रूप में पहचाने जाने से वचने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न वेश धारण कर यात्राएं कीं। एक वार ऐसे ही जव उन्हें संघ के कार्यकर्ताओं से मिलना था जो वह ‘स्वामीजी’ का वेश धारण कर जेल पहुंच गये जहां उन्होंने जेल में वंद कार्यकर्ताओं से करीव एक घंटे तक वात की । आपातकाल के दौरान मोदी की यात्राओं का उल्लेख करने वाली एक पुस्तक में यह वात कही गई है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए 21 महीने लंवे आपातकाल के दौरान एक युवा आरएसएस प्रचारक के रूप में मोदी ने विभिन्न वेश धारण कर यात्राएं की, हिदुत्व संगठन के साथी कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों के साथ बैठकें कीं, जेल में बंद लोगों के परिवारों के लिए सहायता का प्रयास किया तथा आपातकाल विरोधी साहित्य का नियमित प्रकाशन एवं वितरण सुनिश्चित किया । ब्लूक्राफ्ट’ ने उस अवधि के दौरान भूमिगत अभियान में मोदी की भूमिका का विवरण देने के लिए “द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर” प्रकाशित की है । यह पुस्तक उस समय मोदी से जुड़े कई लोगों से बातचीत पर आधारित है।

पुस्तक के कुछ अंशों में गुजरात के नडियाद के आरएसएस स्वयंसेवक हसमुख पटेल के हवाले से कहा गया है कि मोदी उस समय भी नवोन्मेषी कार्यो के प्रति उत्सुक थे। उन्होंने वताया कि मोदी ने आपातकाल विरोधी साहित्य को नाइयों की दुकानों में रखने का सुझाव दिया था, जहां विभिन्न वर्गों के लोग एकत्र होते थे । पुस्तक में कहा गया है, “मोदी ने न केवल आपातकाल विरोधी साहित्य का नियमित प्रकाशन सुनिश्चित किया, वल्कि पूरे गुजरात में इसे वितरित करने की जोखिम भरी जिम्मेदारी भी निभाई। उस अंधकारमय समय में, साहित्य और प्रकाशनों ने नागरिकों के दिलों में लोकतांत्रिक लौ को जलाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।” इसमें कहा गया है कि मोदी अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अक्सर सिख का भेष धारण करते थे।

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