नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश शुक्रवार को निर्देश दिया कि 15 जून को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता – सह – प्रवेश परीक्षा – स्नातकोत्तर (नीट- पीजी) 2025 दो पालियों के बजाय एक ही पाली में आयोजित की जाए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने संबंधित प्राधिकारियों को एक पाली में परीक्षा आयोजित कराने की व्यवस्था करने और पूर्ण पारदर्शिता व सुरक्षित केंद्र सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और कहा कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से मनमानी होती है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी दो प्रश्नपत्रों के कठिनाई या सरलता का स्तर एक समान नहीं कहा जा सकता ।
सामान्यीकरण को दिया आदेश अपवादस्वरूप मामलों में लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे हर साल नियमित रूप से लागू नहीं किया जा सकता। पीठ ने यह आदेश नीट-पीजी 2025 परीक्षा दो पालियों में आयोजित कराने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले कुल अभ्यर्थियों की संख्या 2,42,678 है और यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जा रही हैं, किसी एक शहर में नहीं। हम यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि पूरे देश में परीक्षा निकाय को एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त केंद्र नहीं मिल सके। हम प्रतिवादियों को निर्देश देते हैं कि वे एक पाली में परीक्षा आयोजित कराएं। यदि प्रतिवादियों को लगता है कि वे केंद्रों की व्यवस्था समय से करने में सक्षम नहीं हैं तो आवेदन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें : बीएड, डीएलएड व बीपीएड : 1066 मानक विहीन कॉलेजों पर लगेगा ताला