रेपो दरों में हो सकती है एक और कटौती,जाने कब होगी समिति की बैठक

सात अप्रैल से शुरू होगी भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक

मुंबई। भारतीय रिजर्व वैक (आरवीआई) इस सप्ताह अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में एक बार फिर से 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। मुद्रास्फीति में कमी से केंद्रीय बैंक के पास व्याज दर में कटौती की गुंजाइश है। अमेरिका की तरफ से जवावी सीमा शुल्क लगाने की घोषणा के वाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां पैदा हो गई है। ऐसे में घरेलू मोर्चे पर भी आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत महसूस की जा रही है।

फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरवीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 0.२५ प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। यह मई, 2020 के वाद रेपो दर में पहली कटौती और ढाई साल के वाद पहला संशोधन था । एमपीसी की 54वीं बैठक सात अप्रैल से शुरू होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा नौ अप्रैल को की जाएगी।आरवीआई गवर्नर के अलावा एमपीसी में केंद्रीय वैक के दो वरिष्ठ अधिकारी और सरकार द्वारा नियुक्त तीन लोग होते है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी, 2023 से रेपो दर (अल्पकालिक उधार दर) को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था । पिछली वार आरवीआई ने कोविड के समय (मई, 2020 ) रेपो दर में कमी की थी और उसके बाद इसे धीरे- धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। वैक ऑफ बड़ौदा (वॉव) के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सवनवीस ने कहा कि इस सप्ताह घोषित की जाने वाली नीति ऐसे समय में आएगी जब पूरी दुनिया और अर्थव्यवस्था के भीतर कई चीजें घटित हो रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क से वृद्धि की संभावनाओं और मुद्रा पर कुछ प्रभाव पड़ेगा, जिस पर एमपीसी को अर्थव्यवस्था की स्थिति के सामान्य आकलन से परे विचार करना होगा।

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