मैं तीन बार मरकर लौट आई, महिला का हैरान कर देने वाला दावा, मौत के उस पार की कहानी सुन दुनिया सन्न

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नई दिल्ली। कभी-कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हो जाती है कि इंसान चाहकर भी उसे समझ नहीं पाता। कई बातें ऐसी होती हैं जो विज्ञान के दायरे से बाहर चली जाती हैं और दिमाग बस खामोश रह जाता है। अमेरिका की नॉर्मा एडवर्ड्स की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अगर कोई कह दे कि वह तीन बार मर चुकी है और हर बार किसी दूसरी दुनिया से वापस आई है, तो सुनने वाला पहले तो चौंक जाएगा, फिर शायद डर भी जाए। लेकिन नॉर्मा पूरे यकीन से यह बातें बताती हैं और उनकी कहानी सच से ज्यादा एक रहस्य जैसी लगती है।

तो आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है। नॉर्मा का कहना है कि मौत आखिर नहीं होती, बल्कि एक नए सफर का रास्ता खोलती है। मिरर की रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टरों ने तीन अलग-अलग मौकों पर उन्हें क्लिनिकली मृत घोषित किया। लेकिन दो बार ऐसा हुआ कि नॉर्मा ने खुद को एक अजीब, रोशनी भरी जगह में पाया। वह कहती हैं कि वहां कुछ चमकीले प्रकाश-जीव थे, जो उन्हें देखकर मुस्कुराते थे और उन्हें वापस भेज देते थे, जैसे कह रहे हों कि अभी तुम्हारा काम बाकी है, जिंदगी खत्म नहीं होती। पहली घटना तब हुई जब नॉर्मा सिर्फ 20 साल की थीं। तबियत अचानक बिगड़ने के बाद वे बेहोश हो गई। डॉक्टरों ने कोशिशें कीं, लेकिन उस दौरान नॉर्मा को जो अनुभव हुआ, उसने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी।

वे बताती हैं कि उनका शरीर तो ऑपरेशन टेबल पर था, लेकिन उनकी चेतना जैसे कहीं ऊपर तैर रही थी। उन्होंने खुद को छत के पास मंडराते देखा। फिर अचानक वे तेज रफ्तार से एक काली सुरंग में आगे बढ़ने लगीं। सुरंग के आखिर में पहुंचकर उन्हें एक बड़ी स्क्रीन जैसी चीज दिखी, जहां उनकी पूरी जिंदगी एक फिल्म की तरह चल रही थी। फिर सामने एक शांत नदी दिखाई दी। नदी के उस पार कुछ जाने-पहचाने चेहरे थे, जिनमें उनकी चाची भी शामिल थीं। नॉर्मा खुश थीं कि वे उनसे मिलने वाली हैं, लेकिन उसी पल सब कुछ थम गया। उनकी चाची ने मुस्कुराकर कहा कि अभी तुम्हें लौटना होगा।

तुम्हारा समय पूरा नहीं हुआ । और अगले ही पल नॉर्मा फिर से अपने शरीर में थीं। दूसरी बार यह अनुभव नवंबर 2024 में हुआ, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इस बार भी वही चमकदार रोशनी, वही सुरंग और वही अलग सा सुकून भरा माहौल। लेकिन इस बार उन्होंने एक महिला की इमेज को देखा, जिसे वह अपना फरिश्ता मानती हैं। उस इमेज ने उनका हाथ पकड़ा, जैसे उन्हें किसी सुरक्षित जगह ले जा रही हो पर ठीक उसी समय जैसे किसी ने मना कर दिया हो, नॉर्मा फिर वापस लौटा दी गई। आज नॉर्मा उम्रदराज हैं और वृद्धजन समुदायों के साथ काम करती हैं। वह उन लोगों को दिलासा देती हैं जो मौत के डर से परेशान रहते हैं।

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