मेडिकल सिंबल से सांप का क्या कनेक्शन, क्यों छड़ी पर लिपटे होते हैं दो होते हैं दो सांप ?

नई दिल्ली। मेडिकल साइंस आज दुनियाभर में बहुत आगे पहुंच चुका है लेकिन जब भी मेडिकल साइंस के लिए सिंबल का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें छड़ी पर लिपटे हुए सांप का सिंबल इस्तेमाल किया जाता है। अब सवाल ये है कि आखिर मेडिकल साइंस के लिए सांप से लिपटे हुए सिंबल का इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इसका सांप से क्या कनेक्शन है। आज हम आपको बताएंगे कि मेडिकल के लिए सांप वाली छड़ी का सिंबल कहां से और कैसे आया था। दुनियाभर में बीते दो दशक से मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की की है। आज दुनियाभर में कई मेजर सर्जरी से लेकर कोराना वायरस जैसी बीमारियों की दवाएं और वैक्सीन बाजार में मौजूद है।

ये सब कुछ मेडिकल साइंस के कारण ही संभव हुआ है। लेकिन आप जब भी मेडिकल से जुड़े किसी सेंटर में जाएंगे, तो आपको वहां पर सांप और लाठी से जुड़ा सिंबल देखने को मिलता है। इतना ही नहीं डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन, एंबुलेंस, फार्मास्युटिकल कंपनियों और कर्मचारियों की वर्दी तक आपको यही सिंबल देखने को मिलता है। डब्ल्यूएचओ के लोगो में भी यह दिखाई देता है। मेडिकल सिंबल में एक छड़ी पर दो सांप दोनों तरफ से लिपटे होते हैं और ऊपर की तरफ पंख होता है। जानकारी के मुताबिक एक डंडे के चारों ओर लिपटे हुए सांप को दिखाने वाला सिंबल चिकित्सा और उपचार के प्राचीन यूनानी देवता एस्क्लेपियस से आया है। इसे एस्कुलेपियन रॉड कहा जाता है।

ग्रीक मिथक के मुताबिक वह गंभीर रूप से बीमार को स्वस्थ कर सकता था और यहां तक कि मरे हुए को भी जिंदा कर सकते थे। वहीं माना जाता है कि एस्क्लेपियस का सांपों से गहरा संबंध था इसलिए वे उसके सार्वभौमिक प्रतीक बन गए थे प्राचीन यूनानियों का मानना था कि सांप उपचार शक्तियों वाले पवित्र प्राणी थे । ऐसा इसलिए था, क्योंकि उनके जहर में इलाज की शक्तियां थीं। जबकि उनकी त्वचा को त्यागने की क्षमता पुनर्जनन, पुनर्जन्म और नवीकरण के कार्य की तरह लगती थी। इसलिए सांप को उपचार का देवता कहा जाता था । ग्रीक पौराणिक कथाओं के मुताबिक एस्क्लेपियस ने अपनी कुछ उपचार शक्तियां सांपों से सीखी थी । यूनानियों का यह भी मानना था कि एस्क्लेपियस में लोगों को घातक सर्पदंश से ठीक करने की क्षमता थी ।

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