नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने भारत में धूमधाम मनाए जाने वाले दीपोत्सव दिवाली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है। यह निर्णय यहां लाल किला परिसर में आयोजित यूनेस्को की एक महत्वपूर्ण बैठक में बुधवार को लिया गया ।यूनेस्को ने जैसे ही दिवाली को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की, लाल किला जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। बैठक में शामिल केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भारतीय दल के अन्य सदस्यों ने इस अवसर पर पारंपरिक पगड़ी पहन रखी थी।
दीपावली को मिली इस वैश्विक पहचान पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण है । दिवाली केवल त्योहार नहीं बल्कि भारत के सभ्यतागत मूल्यों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिवाली भारतीय जीवनदृष्टि और सांस्कृतिक आत्मा से गहराई से जुड़ी है और यूनेस्को सूची में शामिल होने से इसका वैश्विक प्रभाव और बढ़ेगा।
यूपी की परंपरा को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान: योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में सम्मिलित किए जाने को गर्व का
पल बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान यूपी के लिए इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अयोध्या श्रीराम की पावन भूमि है। यहीं पर दिवाली की पहली ऐतिहासिक उत्सव परंपरा की शुरुआत हुई थी। ऐसे में इस पर्व की वैश्विक मान्यता अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को और भी प्रखर बनाती है। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब है।
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