सात वर्षों में एकेटीयू से संबद्ध 50 से अधिक निजी कॉलेजों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की बंद
लखनऊ । राज्य सरकार लगातार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों के वावजूद हर वर्ष दो से तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहे है। इसका प्रमुख कारण शिक्षा के ट्रेंड में लगातार वदलाव, नई शिक्षा नीति और इंजीनियरिंग के कोर ब्रांच बंद होने के कारण छात्र – छात्राओं के प्लेसमेंट में कमी के कारण प्रवेश में घटती रुचि को माना जा रहा है। डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध प्रदेश के 50 से अधिक निजी कॉलेजों में वीते पांच से सात वर्षों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बंद हो चुकी है। इन कॉलेजों के बंद होने के तरह-तरह के कारण वताये जा रहे हैं।
मजबूत निगरानी तंत्र नहीं है। नतीजतन हर वर्ष दर्जनों छात्र विना भविष्य के अधूरी डिग्री लेकर भटकने को मजबूर हो रहे है । इन तमाम प्रयास के वाद भी इंजीनियरिंग में आइटी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, होटल मैनमेंजमेंट, इनफार्मेशन टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के अलावा नए कोर्स एआइ और डेटा साइंस के भी कोर्स बंद हुए हैं। कई कॉलेजों ने इंजीनियरिंग की जगह फार्मेसी के कोर्स शुरू किए है।
शिक्षा के ट्रेंड में लगातार बदलाव, छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट में कमी से प्रवेश में घटती रुचि प्रमुख कारण
विशेषज्ञों का दावा कि इन कॉलेजों में न तो पढ़ाई का स्तर संतोषजनक था और न ही प्रशिक्षित फैकल्टी उपलब्ध थीं। छात्रों को रोजगार दिलाने के लिए कंपनियों का आना-जाना भी नाम मात्र का रहा। कमजोर प्लेसमेंट और गुणवत्ताहीन शिक्षा ने छात्रों की रुचि घटा दी, जिससे प्रवेश लगातार घटते गए। कई संस्थानों ने वुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर और एआइसीटीई के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, नतीजतन उन्हें हर वर्ष एआइसीटीई की वंद कॉलेज सूची में शामिल कर लिया गया। राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा को नई ऊंचाई देने की वात कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि निजी कॉलेजों पर कोई वीते कुछ सालों में कई इंजीनियरिंग कालेज बंद हुए हैं।
इनमें वर्ष 2024-25 में चार, वर्ष 2023-24 में दो, वर्ष 2022-23 में एक, वर्ष 2021-22 में तीन, वर्ष 2020-21 में छह, वर्ष 2019-20 में 14 और वर्ष 2018-19 में 21 निजी कालेज बंद हुए हैं अथवा उन्होने अपने पाठ्यक्रम ही वंद कर दिये हैं। हालांकि एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी. पांडेय का मीडिया से दावा है कि विश्वविद्यालय से 753 संस्थान संवद्ध है। कुछ संस्थानों ने इंजीनियरिंग ब्रांच घटाकर 12वीं तक की पढ़ाई शुरू की है, लेकिन उनकी संख्या कम है। इंजीनियरिंग और फार्मेसी में नए कॉलेज भी खुल रहे है, जिनकी संख्या बंद हो रहे कॉलेजों से अधिक है।
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