ट्रंप ने फिर दिया झटका, बढ़ाई एच-1बी वीजा की फीस,भारतीय आईटी इंजीनियरों की नौकरियों पर खतरा

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अमेरिका ने एक हजार से एक लाख डॉलर की फीस फिलहाल एक साल तक लागू रहेगा फैसला, बढ़ाई जा सकती है अवधि

वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच- 1बी वीजा के लिए फीस में बढ़ोतरी कर इसे एक लाख डॉलर सालाना करने का निर्णय ले लिया है यानी अब अमेरिका की जो भी कंपनियां विदेश से उच्च कौशल वाले लोगों को लाएंगी, उन्हें ऐसे प्रत्येक व्यक्ति के लिए वीजा पर मोटी रकम खर्च करनी होगी।

पहले अमेरिकी सरकार टेक कंपनियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एच-1बी वीजा जारी करने के लिए 1000 डॉलर (88 हजार रुपये) वसूलती थी जो कि अन्य तरह के टैक्स मिलाकर 1500 डॉलर (1लाख 32 हजार) तक पहुंच जाता था। हालांकि, अब यह रकम करीब 10 गुना तक बढ़ा दी गई है। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि एच- 1बी वीजा का गलत इस्तेमाल हो रहा है इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है।

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2000 से 2019 के बीच अमेरिका में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित से जुड़ी नौकरियां 44.5 फीसदी बढ़ीं, लेकिन इन पर विदेशी पेशेवरों का आंकड़ा 100 फीसदी बढ़ गया । आईटी कंपनियां सस्ते विदेशी वर्कर्स लाकर अमेरिकियों की नौकरियां छीन रही हैं। व्हाइट हाउस के स्टाफ सेक्रेटरी विल शार्फ का कहना है कि यह कदम अमेरिकी नौकरियों की रक्षा करने और वीजा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।

ट्रंप प्रशासन का यह फैसला एक साल तक लागू रहेगा, हालांकि इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।अमेरिका के इस कदम से वहां रहने वाले भारतीय सर्वाधिक प्रभावित होंगे। इस बदलाव से अमेरिका में भारतीय आईटी इंजीनियरों की नौकरियों पर खतरा आएगा ।

मिलकर निकालेंगे समाधान: विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली। भारत सरकार ने अमेरिका के एच-1बी वीजा पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से जुड़ी रिपोर्टों पर संज्ञान लिया है। सरकार के अनुसार इस कदम के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस पर व्यापक अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है।

भारत और अमेरिका दोनों देशों की उद्योग जगत में नवाचार और रचनात्मकता की साझी हिस्सेदारी है और वे आगे का रास्ता सुझा सकते हैं। भारत ने इसके मानवीय पक्ष पर चिंता जताई है और अपेक्षा जताई है कि अमेरिकी प्रशासन इसका समाधान तलाशेगा।

भारत को होगा फायदा
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि ट्रंप का एच-1बी वीजा फीस को एक लाख डॉलर बढ़ा देना अमेरिकी इनोवेशन को कमजोर कर देगा और भारत को जबरदस्त ताकत से भर देगा। भारत के पास अब प्रतिभाओं के इस्तेमाल का बेहतरीन मौका है।

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