लखनऊ। साइबर जालसाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर गोमतीनगर विराट खंड दो में रहने वाले सेवानिवृत्त डॉ. बीएन सिंह को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा । उन्हें पार्सल में अवैध सामान मंगवाने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया । जेल भेजने की धमकी देकर 95 लाख रुपये ठग लिए। धमकी से डरे-सहमे बुजुर्ग डॉक्टर ऑनलाइन बैंकिंग नहीं करते। इसलिए बैंक की शाखा में जाकर जालसाजों के बताए गए खाते में रकम आरटीजीएस से ट्रांसफर कराई। पीड़ित डॉक्टर की तहरीर पर साइबर थाने में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इंस्पेक्टर साइबर थाना ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि डॉ. बीएन सिंह घर पर अकेले रहते हैं। उनके बच्चे शहर के बाहर नौकरी करते हैं। कुछ साल पहले ही वह सेवानिवृत्त हुए थे। खाते में रिटायरमेंट और फंड के रुपये जमा थे। छह अप्रैल की दोपहर उनके पास एक अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम दीपक श्रीवास्तव बताया। कहा कि ब्लू डॉट कुरियर कंपनी से बोल रहा है। आपके नाम का एक पार्सल पकड़ा गया है। उसमें कुछ अवैध सामान है। इस संबंध में आपसे पुलिस के बड़े अधिकारी के मोहनदास बात करेंगे।
इसके बाद दीपक ने कांफ्रेंस पर लेकर उनसे बात कराई। मोहनदास ने जेल भेजने की धमकी देते हुए कहा कि आपका आधार कार्ड भी कुछ गलत प्रयोग किया गया है। जांच लंबी चलेगी। इस दौरान आप किसी से बात नहीं करेंगे न ही कुछ बताएंगे। आगे की जानकारी मेरा असिस्टेंट देगा। जांच में उसका सहयोग करना नहीं तो जेल भेज दिए जाओगे। फिर शाम को वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले लोग वर्दी में दिख रहे थे। बैंक खातों की जानकारी मांगी और कहा कि कल आपसे बात की जाएगी। फिर अगले दिन वीडियो कॉल और चैट के जरिए बातचीत की ।
जालसाजों ने धमकाया कि आप निगरानी में हैं। हमारे लोग आप पर नजर रखे हैं। इस कारण डॉ. बीएन सिंह डर गए। जालसाजों ने उन्हें कई बैंक खाते बताए और आईएफसी कोड बताया । खातों में रुपये ट्रांसफर करने को कहा। यह भी कहा कि ये रुपये जांच के बाद आपको वापस कर दिए जाएंगे। जब डॉक्टर बोले कि वह आनलाइन बैंकिंग नहीं करते हैं तो उन्हें बैंक जाकर आरटीजीएस करने को कहा। डॉक्टर ने बैंक पहुंचकर जालसाजों के बताए गए खाते में 95 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
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