विशेषज्ञों ने कहा, भारत ने दिखा दिया कि हमारे पास बहुत मजबूत और निर्णायक नेतृत्व मौजूद है
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के वीच सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सहमति बनने के वाद विशेषज्ञों ने कहा कि यह ‘भारतीय सशस्त्र वलों की जीत’ है और उम्मीद है कि इस समझौते के वाद पाकिस्तान कोई और मुद्दा नहीं खड़ा करेगा। चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के वीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीवारी व सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति वनी थी । इन हमलों के वाद दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे ।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को वातचीत के दौरान सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति व्यक्त की तथा अगली वार्ता 12 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई है। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए दावे के तुरंत बाद की गई। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला लिया गया । सामरिक मामलों के विशेषज्ञ मेजर जनरल पी. के. सहगल (सेवानिवृत्त) ने सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की सहमति को दोनों देशों के लिए ‘वहुत अच्छी शुरुआत’ वताया, क्योंकि वढ़ते तनाव के परिणामस्वरूप दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है ।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, हमने आतंकवाद की कमर तोड़ दी है। भारत ने दिखा दिया है कि हमारे पास बहुत मजबूत और निर्णायक नेतृत्व मौजूद है।’ उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्ष में भारत ने वायु रक्षा को मजबूत बनाने तथा सेना की क्षमताओं, योग्यता और पेशवेर तैयारियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने के लिए काफी धन खर्च किया है।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें सभी साधन व ताकत प्रदान की है, जो आधुनिक युद्ध जीतने के लिए आवश्यक हैं।’ सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ने कहा कि इसके अलावा, तीनों सेवाओं की एकजुटता व समन्वय ‘विल्कुल स्पष्ट’ था। उन्होंने रक्षा, विदेश और गृह मंत्रालयों के सामंजस्य को ‘शानदार’ वताया। उन्होंने कहा, ‘आप सभी ताकतों के तालमेल के विना आधुनिक युद्ध नहीं जीत सकते।’
उन्होंने यह भी कहा कि सात मई को ऑपरेशन सिदूर से पहले की कार्रवाइयों ने ‘पाकिस्तान को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया था और जब पूरी दुनिया भारत के पीछे खड़ी थी, तो देश सशस्त्र बलों के पीछे खड़ा था।’ मेजर जनरल सहगल (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘भारतीय सशस्त्र वल भारत की संप्रभुता व अखंडता के संरक्षक देवदूत के रूप में उभरे है ।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि पाकिस्तान फिर से लड़ने की हिम्मत नहीं करेगा। यह पाकिस्तान के हित में नहीं है । उसका सैन्य बुनियादी ढांचा खत्म हो चुका है।’ मुंबई से पीटीआई वीडियो से बात करते हुए कर्नल अनिल भट (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हो सकता है कि दोनों पक्षों के बीच इस विषय पर बात हुई हो कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों का समर्थन नहीं करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें फिर से भारत में न भेजा जाए। “
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