इसरो का कमाल, स्पेस में भेजेगा वाटर बियर

एसिओम-4 पर शुभांशु शुक्ला अपने साथ टार्डिग्रेड्स भी ले जाएंगे

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश को लगातार नई ऊंचाईयों पर ले जाने में लगा है, जिसके तहत कई प्रोजेट पर काम चल रहा है।इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि इसरो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर एक अनोखा प्रयोग करने जा रहा है। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला एसिओम-४ मिशन पर उड़ान भरने के लिए तैयार हैं, वो अपने साथ टार्डिग्रेड्स भी ले जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री जीरो ग्रेविटी में रहने और काम करने के लिए 14 दिनों के मिशन पर आईएसएस जाएंगे। यहां पर वो कई तरह का प्रयोग करेंगे, इसमें लोगों की नजरें जल भालू (टार्डिग्रेड्स) पर हैं।

छोटे व आठ पैरों वाला सूक्ष्म जीव है टार्डिग्रेड्स

टार्डिग्रेड्स, जिन्हें वॉटर बियर या मॉस पिगलेट के नाम से जाना जाता है, छोटे, आठ पैरों वाले सूक्ष्म जीव हैं। इसकी लंबाई 0.3 मिमी से 0.5 मिमी तक होती है, इन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। टार्डिग्रेड्स के आठ पैर होते हैं, जिनमें छोटे-छोटे पंजे और एक कठोर यूटिकल होता है जो उनकी धीमी और भारी स्पीड की विशेषता होती है। टार्डिग्रेड्स पृथ्वी पर लगभग हर जगह पाए जा सकते हैं, जिसमें काई, लाइकेन, मिट्टी, पट्टी का कूड़ा, मीठे पानी, समुद्री वातावरण, ऊंचे पहाड़, गहरे समुद्र, गर्म झरने और यहां तक कि ध्रुवीय बर्फ भी शामिल हैं।

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जीवन की सीमाओं को समझने में मदद मिलेगी

टार्डिग्रेड्स के लचीलेपन के पीछे मॉलियूलर मैकेनिज्म की पहचान करना है, जिससे एसट्रीम वातावरण में जीवन की सीमाओं को समझने में मदद मिलेगी। यह भविष्य के अंतरिक्ष खोज को सूचित कर सकता है और पृथ्वी पर जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगों को विकसित करने में मदद कर सकता है। टार्डिग्रेड्स की निलंबित एनीमेशन में प्रवेश करने की क्षमता विस्तारित अंतरिक्ष मिशनों के लिए जैविक सामग्री या यहां तक कि मनुष्यों को संरक्षित करने के तरीकों कोप्रेरित कर सकती है। इस प्रयोग के निष्कर्ष भारत के गगनयान मिशन की योजनाओं और प्रगति को आकार दे सकते हैं।

पुनर्जीवन, अस्तित्व और प्रजनन की जांच करेगा

वॉयेजर टार्डिग्रेड्स एसपेरिमेंट भारत द्वारा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजे जा रहे 7 अन्य अध्ययनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजे गए टार्डिग्रेड्स के पुनर्जीवन, अस्तित्व और प्रजनन की जांच करेगा। मिशन के दौरान दिए गए अंडे और फूटे अंडों की संख्या की गणना की जाएगी और
अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले बनाम ग्राउंड कंट्रोल पॉपुलेशन के जीन एसप्रेशन पैटर्न की तुलना की जाएगी।

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