महाराष्ट्र : लातूर, नांदेड़ में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बचाव अभियान के लिए बुलाई गई सेना

छत्रपति संभाजीनगर। महाराष्ट्र के और नांदेड़ जिले में भारी वारिश के लातूर कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जिसके चलते प्रशासन को शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी घोषित करनी पड़ी और बचाव कार्यो में मदद के लिए सेना को बुलाना पड़ा । अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने वताया कि लातूर जिले के 60 राजस्व मंडलों में से 29 में वृहस्पतिवार रात तक अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई और नदियों तथा नालों का जलस्तर बढ़ने के वाद राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, लगभग 50 सड़कें और पुल बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि इन संरचनाओं के ऊपर से पानी वहने लगा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से 29 अगस्त के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किए जाने के वाद, जिलाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष वर्षा ठाकुर घुगे ने पहली कक्षा से वारहवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश की घोषणा की। शिरूर अनंतपाल और अहमदपुर तालुका के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे 10 लोगों को आपदा प्रबंधन दलों और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।

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अहमदपुर में सेना की एक टीम भी पहुंच चुकी है। शिरूर अनंतपाल में एक नदी के किनारे स्थित शेड में फंसे पांच लोगों और घारणी नदी पर पुल निर्माण कार्य के दौरान फंसे तीन मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया । अहमदपुर के कालेगांव में एक जलाशय में फंसे एक व्यक्ति को भी वाहर निकाला गया। मकनी गांव में एक व्यक्ति वाढ के पानी से भरे पुल को पार करते समय वह गया, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे सुरक्षित वचा लिया। उसे शिरूर ताजबंद स्थित साईकृपा अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया। राज्य महामार्ग-38 के निलंगा-उदगीर – धनेगांव मार्ग को जलभराव के कारण बंद कर दिया गया है। वहीं, मंजरा नदी पर बने पुल के डूब जाने से निलंगा-उद्गीर मार्ग भी बंद है।

तगरखेडा को औराड से जोड़ने वाले दो मार्ग भी जलभराव के कारण अवरुद्ध हो गए हैं जिससे वाहन चालकों को हल्से – तांवरवाडी – हलगरा मार्ग से वीदर रोड की ओर घूमकर जाना पड़ रहा है। निलंगा तालुका के शेलगी गांव में वृहस्पतिवार आधी रात को आकाशीय विजली गिरने से पांच मवेशियों की मौत हो गई । चाकूर तहसील स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर परिसर में वने केंद्रीय विद्यालय में पानी भरने के कारण फंसे 679 छात्रों और 40 शिक्षकों को वीएसएफ जवानों ने वृहस्पतिवार शाम सुरक्षित वाहर निकाल लिया ।

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अधिकारियों ने वताया कि नांदेड़ के 68 और लातूर के 35 राजस्व मंडल समेत मराठवाड़ा क्षेत्र के 130 राजस्व मंडल में शुक्रवार सुवह तक अत्यधिक वारिश (एक दिन में 65 मिलीमीटर से अधिक) हुई। नांदेड़ की कंधार तहसील के वारुल मंडल में शुक्रवार सुबह तक 24 घंटे में 275 मिलीमीटर वारिश दर्ज की गई, जबकि जिले के तुप्पा और तरोड राजस्व मंडल में यह आंकड़ा 267 मिलीमीटर रहा। नांदेड़ के जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने एक वीडियो संदेश में कहा कि जिले के कई जलाशय पूरी तरह भर गए हैं।

उन्होंने कहा कि कई गांवों में पानी घुसने कारण स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई कार्डिले ने कहा, विष्णुपुरी वांध के जलग्रहण क्षेत्रों में वारिश हो रही है । इसलिए नांदेड़ शहर के निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित जगहों पर चले जाएं। सेना की एक टीम नांदेड़ आ रही है। एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन वल) और स्थानीय निकाय की टीम सक्रिय हैं, लोग जरूरत पड़ने पर उनसे मदद लें।

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