मीरजापुर। मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में अब किसी भी श्रद्धालु या पुरोहित द्वारा वीडियो या फोटो खींचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केवल पण्डा समाज द्वारा अधिकृत सदस्य ही फोटो और वीडियो बनाएंगे, जिन्हें बाद में सार्वजनिक किया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को पण्डा समाज की आम सभा में लिया गया।
शारदीय नवरात्र को लेकर मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में आयोजित आम सभा में पुरोहितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। पण्डा समाज ने स्पष्ट किया कि नवरात्र में पूर्ववत व्यवस्था ही लागू रहेगी। सभी पुरोहित निर्धारित वेशभूषा और पहचान पत्र के साथ रहेंगे तथा अपने-अपने लाइन से ही यजमानों को दर्शन कराएंगे।
सभा में यह भी तय हुआ कि नवरात्र के दौरान किसी भी श्रद्धालु द्वारा चरण स्पर्श पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पुरोहितों को दर्शनार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार करने और प्रशासन से बेहतर तालमेल बनाए रखने के निर्देश दिए गए। किसी भी पुरोहित को समस्या होने पर वह तुरंत पण्डा समाज के अध्यक्ष, मंत्री या पदाधिकारियों को अवगत कराएगा, ताकि उसका निराकरण किया जा सके।
पण्डा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा कि गर्भगृह में फोटो और वीडियो पर प्रतिबंध लागू रहेगा। निर्धारित सदस्य ही वीडियो-फोटोग्राफी करेगा और उसे सार्वजनिक किया जाएगा। बैठक में मंत्री भानु पाठक, शनि दत्त पाठक, तेजन गिरी, चंदन द्विवेदी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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