घोखाधड़ी ईडी की छापेमारी खत्म, मोबाइल डाटा खंगालने से बड़ा खुलासा, निवेशकों की गाड़ी कमाई का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग
लखनऊ। अंसल एपीआई की सुल्तानपुर रोड स्थित सुशांत गोल्फ सिटी की धांधलियों पर जारी ईडी की छापेमारी खत्म हो गई है। बड़े पैमाने पर सम्पत्तियों समेत कई गोरखधंधों का खुलासा हुआ है। दिल्ली, लखनऊ और गाजियाबाद के आठ ठिकानों पर बुधवार से जारी ईडी की छापेमारी खत्म होने के बाद अंसल के मनी लॉडिंग के राज बाहर आये हैं ईडी की जांच में अंसल परिवार के पास अरबों की सम्पत्तियों का जखीरा मिला है।
इसकी जानकारी मोबाइल डाटा को खंगालने से सामने आयी है। सैकड़ों फर्मों के जरिये निवेशकों की गाढ़ी कमाई की हेराफेरी करने के साक्ष्य भी ईडी को मिले हैं। ईडी के अफसरों ने डिजिटल डाटा की छानबीन तेज कर दी है। गुरुवार को ग्रुप के मुख्य प्रमोटर प्रणव अंसल अपने दिल्ली स्थित आवास से मानो गायब हो गए थे। ईडी को छापेमारी के दौरान बिल्डर ईडी को छापेमारी के दौरान बिल्डर ग्रुप द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। दस्तावेज दिखाने पर अंसल के बाकी प्रोजेक्टों में की गयी मनी लॉडिंग के राज सामने आने का था।
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ईडी अफसरों के मुताबिक छापों के दौरान मोबाइल डाटा की जांच में 62 ऐसी सम्पत्तियों का खुलासा हुआ है। जो इस ग्रुप के मुखिया प्रणव अंसल से लेकर परिवार के अन्य सदस्यों और संस्थाओं के नाम खरीदी गई है। इन पॉश सम्पत्तियों का मूल्य 217 करोड़ 80 लाख रूपए है। हालांकि बाजार मूल्य इससे कई गुना ज्यादा बताया जा रहा है। वर्षों से टाउनशिप में आशियाना पाने की जद्दोजहद में जुटे हजारों निवेशकों की गाढ़ी कमाई को अंसल समूह ने 174 सहयोगी कंपनियों के जरिये डायवर्ट कराया है। सूत्रों की माने तो ये रकम सैकड़ों करोड़ में है।
ईडी के अफसरों को शक है कि इस रकम का इस्तेमाल भी सम्पत्तियों को खरीदने में किया गया है। देश में कई जगहों पर चल रहे प्रोजेक्टों में भी निवेशकों की रकम को खपाये जाने से जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं। कई संदेहास्पद दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। इनमें वित्तीय विवरण, समूह की परियोजनाओं आदि की जानकारी है। यूपी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दर्ज सौ से अधिक एफआईआर में अंसल के ऊपर 135.51 करोड़ से ज्यादा की ठगी का आरोप है। जिसके बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग की जांच शुरू की थी।
एक साल में 52 केस में 7000 करोड़ की सम्पत्ति जब्त
ईडी की लखनऊ टीम ने एक साल में 7000 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की है। इनमें ग्लोकल यूनिवर्सिटी, जेवीएल एग्रो, शाइन सिटी, गंगोत्री लि. हैसिंडा घोटाला, पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति, पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समेत कई बड़ी कम्पनियां व अफसरों के खिलाफ की कार्रवाई शामिल है। लखनऊ में पिछले 16 वर्षों में 4000 करोड़ की सम्पत्ति जब्त हुई कई बड़े मामलों की जांचों के बावजूद वर्ष 2023- 2024 में सिर्फ 278 करोड़ की सम्पत्ति ही जब्त हुई थी।
जांच में किया असहयोग, नहीं सौंपी वित्तीय मामलों की फाइलें
जांच के दौरान अंसल ग्रुप ने काली करतूतों को छुपाने का भरसक प्रयास किया। निवेशकों की गाढ़ी कमाई का गलत जगहों पर किया इस्तेमाल सामने न आये। इसके लिए ईडी को शीर्ष प्रबंधन ने वित्तीय प्रबंधन और योजनाओं से जुड़े मामलों की फाइलें नहीं दी। कई बार समन जारी होने के बावजूद जांच में सहयोग न करते हुए अंसल समूह के बड़े अफसर चुप्पी साधे रहे। निवेशकों को ऐसी परियोजनाओं में फंसाया गया, जिनका आजतक कोई अता-पता नहीं है।
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