अयोध्या: वनगमन मार्ग पर लगेंगे 292 श्रीराम स्तंभ

तीर्थस्थलों के संरक्षण-संवर्धन को दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू

अयोध्या। श्रीराम वनगमन मार्ग पर चिह्नित 292 महत्वपूर्ण स्थानों पर श्रीराम स्तम्भ प्रतिष्ठित करने और इस संबंध में विस्तृत विवरण समेत एक पुस्तक तैयार करने के सिलसिले में श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास का दो दिवसीय अखिल भारतीय वार्षिक कार्यकर्ता सम्मेलन कारसेवकपुरम में शुरू हुआ। अशोक सिंहल फाउंडेशन भी इसमें साथ है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कारसेवकपुरम की स्थापना से लेकर श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास और इसके संस्थापक डॉ. रामअवतार शर्मा के श्रीराम वनगमन मार्ग पर 292 महत्वपूर्ण स्थान खोजने, वाल्मीकि रामायण और अन्य ग्रंथों के सहयोग से पुष्टि करने समेत इस दुरूह कार्य में आई कठिनाइयों का उल्लेख किया।

श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के संस्थापक और प्रबंध न्यासी तथा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के रामायण सर्किट के अध्यक्ष डॉ. रामऔतार ने कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन न्यास ने अयोध्या में वनाये जा रहे भव्य अंतरराष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय के विविध पक्षों पर गहन विचार- विमर्श को आयोजित किया है।

उद्देश्य है कि हमारा संदेश लेकर कार्यकर्ता जन-जन तक जाएं और श्रीराम की संस्कृति, विज्ञान, उनसे जुड़े स्थलों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य को विस्तार दें। क्योंकि यदि रामायणकालीन संस्कृति और स्थल लुप्त हो गये तो यह हम लोगों के लिए बड़ी हानि होगी । सत्रों में संग्रहालय के भवन निर्माण और वास्तु शिल्प पर प्रख्यात आर्किटेक्ट राकेश वत्स, रामायणकालीन अभियांत्रिकी पर इंदौर के वरिष्ठ अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के प्रख्यात विद्वान श्रीनिवास कटंवले, रामायणकालीन विमानशास्त्र और पुष्पक विमान विषय पर भारतीय वायुसेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी और प्राचीन भारत में विमान की अवधारणा पर शोधकर्ता विजयप्रसाद उपाध्याय, रामायणकालीन उपचार विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेचुरीपैथी विशेषज्ञ योगाचार्य राजेश कुमार तथा रामायण कालीन हथियार विषय पर दिल्ली से आये व्रिगेडियर राजवहादुर शर्मा ने शोध पत्र प्रस्तुत किये।

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