योगी सरकार की पुलिस ने अब तक 256 दुर्दांत अपराधियों को किया ढेर, मेरठ जोन अव्वल

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पिछले बीस दिनों में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर की कार्रवाई हुई

सबसे अधिक मेरठ में 85 अपराधी किए गए ढेर, अपराधियों को ढेर करने में मेरठ जोन पहले स्थान पर

लखनऊ। योगी सरकार की यूपी पुलिस ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत एक बार फिर अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पिछले बीस दिनों में एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान कई अपराधियों को यमलोक का रास्ता दिखाया जबकि कई को हॉफ एनकाउंटर में दबोचा। यूपी पुलिस ने बीते सोमवार को मेरठ में एक बच्ची के साथ दरिंदगी के मामले में 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद उर्फ निक्की को ढेर किया जबकि कुछ दिन पहले बरेली में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाशों को करारा जवाब दिया।

एनकाउंटर में मेरठ जोन ने मारी बाजी, पूरे प्रदेश में एनकाउंटर में पहले स्थान पर
योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले साढ़े आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 256 दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है। इस दौरान पुलिस ने कुल 15,726 मुठभेड़ की कार्रवाइयां कीं, जिनमें 31,960 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। एनकाउंटर की कार्रवाई में 10,324 अपराधी घायल हुए। वहीं अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि 1,754 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में दर्ज की गईं, जहां पुलिस ने 4,453 कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 8,312 अपराधी दबोचे गये जबकि 3,131 अपराधी घायल हुए। वहीं, 85 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया।

इस दौरान 461 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मी शहीद हो गये। एनकाउंटर कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है। इसी तरह, वाराणसी ज़ोन में 1,108 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 2,128 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 27 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया। इस दौरान 688 अपराधी और 99 पुलिसकर्मी घायल हुए। पूरे प्रदेश में वाराणसी जोन एनकाउंटर कार्रवाई में दूसरे स्थान पर है। वहीं, एनकाउंटर कार्रवाई में पूरे प्रदेश में आगरा जोन तीसरे स्थान पर है। यहां 2,374 एनकाउंटर की कार्रवाई की गईं, जिनमें 5,631 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 816 अपराधी घायल हुए जबकि 22 अपराधी मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 59 पुलिसकर्मी घायल हुए।

कमिश्नरेट में सबसे अधिक गाजियाबाद कमिश्नरी ने मारी बाजी, 13 अपराधी किये ढेर
एनकाउंटर आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ ज़ोन में 846 मुठभेड़ के दौरान 17 दुर्दांत अपराधियों को मारा गया। वहीं प्रयागराज ज़ोन में 572 मुठभेड़ के दौरान 10 अपराधी मारे गए। बरेली ज़ोन में 2,059 मुठभेड़ में 17, कानपुर जोन में 717 मुठभेड़ में 12 और गोरखपुर जोन में 642 मुठभेड़ में 8 अपराधियों को मारा गया। इसी तरह, लखनऊ कमिश्नरी में 138 मुठभेड़ में 12, गौतमबुद्ध नगर में 1,117 मुठभेड़ में 9, वाराणसी कमिश्नरी में 131 मुठभेड़ में 7, कानपुर कमिश्नरी में 234 मुठभेड़ में 4, आगरा कमिश्नरी में 458 मुठभेड़ में 7, गाजियाबाद कमिश्नरी में 736 मुठभेड़ में 13 और प्रयागराज कमिश्नरी में 141 मुठभेड़ में 6 अपराधियों को ढेर किया गया।

पुलिसिया एक्शन ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर किया मजबूर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। योगी सरकार की नीति के तहत पुलिस ने संगठित अपराध, माफियागीरी और अवैध वसूली पर सख्त प्रहार किया है।

मुठभेड़ के साथ ही संपत्ति कुर्की, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और एनएसए जैसे कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ चला यह साढ़े आठ वर्षीय अभियान न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि जमीनी हकीकत में भी कानून का राज स्थापित करने में सफल रहा है। पुलिस की त्वरित, कठोर और साहसिक कार्रवाई ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और उत्तर प्रदेश अब भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान को सशक्त कर रहा है।


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