उपराष्ट्रपति चुनाव : नक्सल हिंसा पीड़ितों ने विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करने की अपील की

बस्तर, सुदर्शन रेड्डी, नक्सल, इंडिया एलायंस, सलवा जुडूम, Bastar, Sudarshan Reddy, Naxal, INDIA Alliance, Salwa Judum

नई दिल्ली । नक्सल हिंसा के पीड़ितों के एक समूह ने शुक्रवार को सभी सांसदों से विपक्ष द्वारा उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतारे गये उम्मीदवार वी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन न करने की अपील की। वस्तर शांति समिति (वीएसएस) के वैनर तले नक्सली हिसा के पीड़ितों ने यहां प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने सलवा जुडूम को समाप्त करने जो आदेश दिया था उसके कारण ही न केवल उनका संघर्ष कमजोर हुआ, वल्कि कई लोगों की जिदगी भी वर्वाद हो गयी।

दिसंबर 2011 में, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति (अव सेवानिवृत) रेड्डी ने फैसला सुनाया था कि माओवादी विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में आदिवासी युवकों को विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में इस्तेमाल करना, चाहे उन्हें ‘कोया कमांडो’ कहा जाए या सलवा जुडूम, अवैध और असंवैधानिक है । तव न्यायमूर्ति रेड्डी ने आदेश दिया कि इन कोया कमांडों से हथियार तत्काल जमा करवाये जाएं।

यह भी पढ़ें : फिनलैंड मुक्त व्यापार के पक्ष में, पीएम मोदी से की राष्ट्रपति स्टब ने बातचीत

वीएसएस के संयोजक जयराम ने कहा, “जव सलवा जुडूम को सशक्त बनाया गया, तो नक्सली न केवल कमजोर हो गए, वल्कि विलुप्त होने के कगार पर थे। लेकिन उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश रेड्डी के आदेश के कारण नक्सलियों का हौसला वढ़ गया और वे नासूर वन गए ।” सलवा जुडूम के तहत, छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सली समस्या से निपटने के लिए आदिवासी युवाओं को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त किया था।

उच्चतम न्यायालय की एक पीठ 2011 के अपने आदेश में कहा था कि राज्य अपनी जिम्मेदारियां अप्रशिक्षित निगरानी कर्ताओं को नहीं सौप सकता । तव इस पीठ ने सलवा जुडूम की गतिविधियों पर रोक लगा दी। इस पीठ में न्यायमूर्ति रेड्डी (सेवानिवृत्त) भी शामिल थे। वस्तर के ग्रामीण शियाराम रामटेक ने कहा कि अगर “रेड्डी ने नक्सलियों का समर्थन नहीं किया होता, ” तो उनका वेटा अव जीवित होता।” उन्होंने वताया कि उनका वेटा एक किसान था, जिसका कथित तौर पर माओवादियों ने अपहरण कर लिया था और वाद में उसकी हत्या कर दी ।

यह भी पढ़ें : दुनिया में आर्थिक स्थिरता के लिए भारत-चीन का साथ अहम जानिए कैसे

अन्य पीड़ित, केदारनाथ कश्यप ने वताया कि माओवादियों ने कथित तौर पर उसके छोटे भाई हत्या कर दी जो पुलिस कांस्टेवल था। अपनी अपील में पीड़ितों ने कहा कि नक्सलियों द्वारा की गई हिसा के कारण किसी ने आईईडी विस्फोट में अपना पैर खो दिया, कोई अपनी नेत्रदृष्टि गंवा बैठा, किसी की रीढ की हड्डी टूट गई, जबकि कोई व्यक्ति स्थायी रूप से विकलांग हो गया।

उन्होंने एक वयान में कहा, ” जिस व्यक्ति ने सलवा जुडूम के खिलाफ आदेश दिया था, अव उसे ही उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। हमारे लिए यह वहुत दुख की बात है, मानो हमारे जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा हो। हम किसी राजनीतिक विचारधारा या पार्टी से जुड़े नहीं है, वस हमें न्याय चाहिए।” नक्सली हिसा के पीड़ितों ने सभी सांसदों से रेड्डी का समर्थन न करने तथा और नक्सल पीड़ितों के लिए आवाज़ उठाने की अपील की।

यह भी पढ़ें : हीरा कारोबारी के दान किए गए 70 करोड़ के आभूषण को श्रीरामलला करेंगे धारण

Related posts