लखनऊ। रिशिता मैनहट्टन अपार्टमेंट परिसर सेक्टर-7 गोमतीनगर विस्तार में आवंटियों द्वारा रविवार को बिल्डर के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। इस धरना की अध्यक्षता डॉ. धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने की। धरने के दौरान आयोजित विशाल सभा में सैकड़ों आवंटियों उपस्थित हुए और दर्जनों निवासियों ने मंच से अपने विचार साझा किए। उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को रखा बल्कि सामूहिक तौर पर सोसाइटी की गंभीर समस्याओं को रखा। धरने में मुख्य रूप से आवंटियों की मूलभूत सुविधाओं की कमी, अनुचित वसूली, अधूरी परियोजना, सुरक्षा, पार्किंग, जल व विद्युत व्यवस्था आदि बिन्दुओ पर विस्तार से सामने रखा गया।
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धरने की अध्यक्षता कर रहे डॉ. धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सुविधाओं की नहीं, बल्कि हमारे सम्मान और अधिकारों की है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, यह आंदोलन जारी रहेगा।रिशिता मैनहट्टन अपार्टमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्र शेखर पांडेय ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिल्डर द्वारा यहां के निवासियों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। बिल्डर द्वारा फ्लैट के आवंटन के समय जो वादे किए था। उन वादों को को पूरा करना होगा। नहीं तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।सोसाइटी के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह आंदोलन व्यवस्था को जगाने का प्रयास है। हम अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कोषाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारा पैसा किस तरह पारदर्शिता से उपयोग होना चाहिए, इसकी जवाबदेही बिल्डर को देनी होगी। एम.पी. सिंह, प्रमुख अनुशासन समिति ने कहा कि अनुशासन और शांति के साथ लड़ाई लड़ना ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है। नीलिमा श्रीवास्तव, प्रमुख विधिक समिति ने कहा कि बिल्डर के खिलाफ हर कानूनी विकल्प का उपयोग किया जाएगा। कानून हमारे साथ है। श्रुति राय, प्रमुख सांस्कृतिक समिति ने सांस्कृतिक जीवन तब ही संभव है जब मूलभूत सुविधाएँ पूरी हों। यह संघर्ष उसी दिशा में है। मुकेश कंचन, प्रमुख अनुरक्षण समिति ने कहा कि मेंटेनेंस की भारी वसूली के बावजूद सुविधाएँ न मिलना सबसे बड़ा अन्याय है।
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आशीष फाँडा, प्रमुख वित्त समिति ने कहा कि निवासियों के पैसों का हर हिसाब पारदर्शी होना चाहिए, यह हमारी पहली मांग है। विवेकानंद सिंह, विधिक सलाहकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम 2010 के तहत बिल्डर की कानूनी जिम्मेदारियाँ स्पष्ट हैं, अब उन्हें लागू कराना ही मकसद है। राजीव विग, पूर्व अध्यक्ष ने कहा कियह आंदोलन सिर्फ आज का नहीं, आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित आवास का सवाल है। अनुराग अवस्थी ने कहा कि हमने घर के सपनों के लिए निवेश किया था, आज उन सपनों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उमेश वर्मा ने कहा कि अब हम जाग चुके हैं, अब कोई धोखा बर्दाश्त नहीं होगा। राकेश मिश्रा ने कहा कि यह संघर्ष बिल्डर को उसकी जिम्मेदारी का अहसास दिलाने तक जारी रहेगा।सभा के अंत में RMAOA (Rishita Manhattan Association of Allottees) की प्रबंध कार्यकारिणी ने निवासियों की समस्याओं और समाधान के लिए अपने विचार रखे तथा आगे की रणनीति स्पष्ट की। सभा का संचालन अत्यंत प्रभावशाली ढंग से महासचिव वीरेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस धरने ने स्पष्ट कर दिया कि रिशिता मैनहट्टन के निवासी अब अपनी बुनियादी अधिकारों की लड़ाई को अडिग संकल्प और लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाएंगे।
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