गुरुपूर्णिमा : गुरु शिष्य के आदर्शतम रिश्ते की मिसाल है गोरक्षपीठ 

लखनऊ। भारतीय संस्कृति में गुरु और शिष्य के रिश्ते को आदर्श माना जाता रहा है। गुरुकुल की अपनी परंपरा में गुरु एवं शिष्य का एक दूसरे के पर विश्वास, सम्मान और समर्पण इस रिश्ते की बुनियाद रही है। यह रिश्ता केवल शिक्षा एवं ज्ञान तक सीमित नहीं था, बल्कि यह शिष्य के जीवन को दिशा देने, चरित्र निर्माण और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम भी रहा है। कहा जा सकता है कि एक दूसरे का गुरुत्व बढ़ाना गुरु-शिष्य की श्रेष्ठतम परंपरा है। गुरु का गुरुत्व, शिष्य की श्रद्धा में होता है।…

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