नयी दिल्ली/ मथुरा। वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी ने धार्मिक संस्थानों में आस्था और व्यावसायीकरण के बीच संतुलन पर नई बहस छेड़ दी है। मंदिर से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वर्तमान दर्शन व्यवस्था “भगवान के शोषण” जैसी है, जहां दोपहर में दर्शन बंद होने के बाद भी विशेष पूजा के नाम पर भगवान को विश्राम तक नहीं दिया जाता। पैसे वालों के लिए विशेष व्यवस्था’ पर…
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