नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने स्नातकोत्तर मेडिकल प्रवेश में बड़े पैमाने पर सीट रोकने (ब्लॉक करने) के चलन पर चिता व्यक्त करते हुए सभी निजी और मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय पात्रता – सह – प्रवेश परीक्षा – स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) के लिए काउंसलिग से पूर्व शुल्क का खुलासा अनिवार्य कर दिया है। न्यायमूर्ति जे वी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि सीट रोकने की कुप्रथा सीट की वास्तविक उपलब्धता को विकृत कर देती है, अभ्यर्थियों के वीच असमानता को वढ़ावा देती है और अक्सर प्रक्रिया…
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