पांच से 50 लाख में बिक रही थीं फर्जी डिग्रियां, मौके से बरामद हुईं हजारों फर्जी डिग्रिया
लखनऊ । यूपी एसटीएफ ने एक वड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश करते हुए हापुड़ के पिलखुआ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा को एक बार फिर गिरफ्तार किया है। इस वार विजेंद्र सिंह फर्जी डिग्रियां वांटने के मामले में पकड़ा गया है। चौकाने वाली वात यह है कि कभी पांच लाख का इनामी रहा विजेंद्र सिंह इससे पहले वाइक वो घोटाले का भी मुख्य आरोपी रहा है। एसटीएफ ने मौके से हजारों फर्जी डिग्रियां वरामद की है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताविक मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
यह रैकेट एलएलवी, वी फार्मा, डी फार्मा, वीटेक सहित कई अन्य कोर्सेस की फर्जी डिग्रियां बनाकर बेच रहा था। एसटीएफ की छापेमारी के दौरान 1500 से अधिक फर्जी डिग्रियां वरामद हुई है, जो इस रैकेट के वड़े पैमाने पर फैले होने का संकेत देती है। इन फर्जी डिग्रियों को 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक में बेचा जा रहा था। आशंका है कि इन डिग्रियों का इस्तेमाल कई सरकारी और निजी फर्मों में नौकरी पाने के लिए किया गया है।
विभिन्न कोर्सों की डिग्रियों के लिए अलग-अलग कीमत
एसटीएफ जांच में सामने आया कि जिस कोर्स की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती थी। उसके उतने ही अधिक दाम लिये जाते। आरोपी वीए, बीएससी, बीकॉम जैसे साधारण कोर्स के लिए प्रति डिग्री 25 से 50 हजार तक वसूलते थे जबकि प्रोफेशनल कोर्स एमवीए, एमसीए जैसे कोर्स के लिए दो लाख से 4 लाख रुपये तक वसूलते थे।
बाइक बोट घोटाले का आरोपी भी रह चुका है मास्टरमाइंट हुड्डा
गिरफ्तार किए गए लोगों से फिलहाल पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होते ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। छापे के दौरान हरियाणा से गिरफ्तार किए गए दो युवकों को भी मौके पर लाया गया, जिनके पास से पहले 80 हजार फर्जी मार्कशीट मिली थीं। एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी बड़े घोटालों में शामिल रह चुका है।
वह वाइक वोट घोटाले का भी मास्टरमाइंड रह चुका है, जिसमें करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। उस समय भी विजेंद्र सिंह पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस से बचने के लिए वह लंदन फरार हो गया था, लेकिन 2022 में कोर्ट से जमानत मिलने के वाद भारत लौटकर फिर से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया।
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