90 दिनों के भीतर करना होगा इंस्टाल, सुरक्षा कारणोसे लिया गया फैसला
नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन कंपनियों को बड़ा निर्देश जारी किया है । निर्देश में कहा गया है कि अब देश में बनने या आयात होकर आने वाले हर नए स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा । कंपनियों को इसके लिए 90 दिन का समय दिया गया है। निर्देश के मुताबिक, 90 दिनों के बाद भारत में बनने या आयात किए जाने वाले सभी मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप पहले से मौजूद होना चाहिए। यह एप फोन सेटअप के दौरान आसानी से दिखाई दे और इसे हटाया या डिसेबल न किया जा सके। यह नियम सभी कंपनियों पर लागू होगा।
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जो मोबाइल फोन पहले से बन चुके हैं या बिक्री के लिए स्टोर में मौजूद हैं, उनमें भी यह ऐप जोड़ना अनिवार्य होगा। इसके लिए कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी ऐप उपलब्ध कराना होगा । निर्माताओं और आयातकों को इस आदेश का पालन करने के लिए 120 दिनों के अंदर दूरसंचार विभाग में रिपोर्ट जमा करनी होगी। गौरतलब है कि संचार साथी ऐप मोबाइल सुरक्षा से जुड़े मामलों को रोकने के लिए बनाया गया है। इस ऐप के जरिए मोबाइल के आईएमईआई नंबर की जांच की जा सकती है।

आईएमईआई से जुड़े किसी भी फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज की जा सकती है। ऐप से खोए या चोरी हुए फोन की रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है। इसके जरिए फर्जी कॉल या धोखाधड़ी की शिकायत भी की जा सकती है। सरकार के अनुसार आईएमईआई से छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है। यह गैर जमानती अपराध है और दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुसार इसमें 3 साल की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं ।
डिवाइस पर आसानी से दिखे ऐप
सरकार ने कहा है कि मोबाइल कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि संचार साथी ऐप डिवाइस पर आसानी से दिखे। ऐप की सुविधाओं को डिसेबल किया या छुपाया ना जाए। जिससे उपयोगकर्ता ऐप को बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल कर सकें अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कंपनियों पर दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 सहित अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
