राजा भैया की सास ने मैनेजर पर कूटरचना, धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाया, FIR दर्ज करने की मांग

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लखनऊ। कुंडा से विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के परिवार से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। लखनऊ के हजरतगंज थाने में राजा भैया की सास मंजुल सिंह ने एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में उन्होंने अपने मैनेजर राजेश प्रताप सिंह, बेटी भानवी सिंह जो की राजा भैया की पत्नी है के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।

अपने पूर्व मैनेजर पर गंभीर धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक विश्वासघात के आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में पुलिस को एक विस्तृत प्रार्थना-पत्र सौंपा है, जिसमें कई गंभीर आरोपों का उल्लेख किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच में जुट सकती है।

शिकायत के अनुसार राजधानी लखनऊ के गोखले मार्ग स्थित सिल्वर ओक अपार्टमेंट की निवासी मंजुल सिंह के यहां आरोपी राजेश प्रताप सिंह मैनेजर के रूप में कार्यरत थे, ने पीड़िता के नाम पर फर्जी किरायानामा तैयार किया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस दस्तावेज़ में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, फिर भी इसका उपयोग वैध दस्तावेज़ के रूप में किया गया। उन्होंने दावा किया कि सिक्योरिटी डिपॉज़िट से संबंधित पृष्ठ पर उनके हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं, लेकिन आरोपित ने इसे वास्तविक दर्शाने का प्रयास किया।

इसके अलावा, प्रार्थना-पत्र में यह भी कहा गया है कि उनके स्वामित्व वाली करीब 70 दुकानों का किराया और सुरक्षा राशि आरोपी द्वारा स्वयं वसूली गई, जबकि इस पूरी प्रक्रिया से उन्हें अंधेरे में रखा गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपित ने न केवल धनराशि खुद एकत्र की, बल्कि इस वसूली की जिम्मेदारी भी अनुचित रूप से उन पर डालने की कोशिश की गई। इस प्रकार के कृत्यों को उन्होंने स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी और विश्वासघात बताया है।

मामला तब और दिलचस्प मोड़ लेता है जब शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपों के बारे में बात करने के लिए जब उन्होंने आरोपी राजेश प्रताप सिंह को घर बुलाया, तो उसने कथित रूप से अपनी गलती स्वीकार कर ली। शिकायत के अनुसार आरोपी ने यह भी कहा कि उसने सारा कार्य “भानवी सिंह” के निर्देश पर किया था। मंजुल सिंह का दावा है कि राजेश प्रताप सिंह ने उनसे माफी मांगते हुए अपना मोबाइल फोन भी उनके पास छोड़ दिया, जिसमें कथित फर्जीवाड़े और वसूली से जुड़े डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं।

शिकायतकर्ता ने वह मोबाइल फोन अब पुलिस के सुपुर्द कर दिया है, ताकि उसे विधिक प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षित रखते हुए जांच में शामिल किया जा सके। उन्होंने मांग की है कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाए।

इस प्रकरण ने स्थानीय लोगों के बीच भी चर्चा पैदा कर दी है, क्योंकि कथित धोखाधड़ी की राशि और पैमाना व्यापक बताया जा रहा है। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो यह मामला बड़े वित्तीय और दस्तावेजी फर्जीवाड़े के रूप में सामने आ सकता है।

फिलहाल पुलिस प्रार्थना-पत्र और मोबाइल फोन में मौजूद सामग्री का परीक्षण कर रही है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि शिकायत में लगाए गए आरोप कितने प्रमाणित हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई किस दिशा में जाएगी।

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