ठंड से जम जाएगा यूरोप ! भारत, अमेरिका और अफ्रीका पर होगा ऐसा असर, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

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नई दिल्ली। यूरोप और कई महाद्वीपों को गर्म रखने वाली अटलांटिक महासागर की मुख्य समुद्री धारा अब खत्म हो रही है। अब वो धारा ठंडा हो रही है, जिसे आइसलैंड ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। अगर यह धारा रुक जाती है, तो पूरे यूरोप में फिर से हिमयुग आ सकता है। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आइसलैंड के जलवायु मंत्री जोहान पाल जोहानसन का कहना है कि यह देश की अस्तित्व के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि अब सरकार सबसे बुरे हालात के लिए योजना बना रही है, क्योंकि आइसलैंड बिल्कुल नॉर्थ पोल पर पर स्थित है । सबसे बुरा असर उस पर ही पड़ेगा ।

इस धारा का नाम अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) है, जो गर्म पानी को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से आर्कटिक की तरफ लेकर जाती है। इससे यूरोप के सर्दियां हल्की रहती हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक की बर्फ पिघलती जा रही है। ग्रीनलैंड की बर्फीली चादर से निकलने वाला ठंडा पानी समुद्र में बह रहा है। वैज्ञानिक का कहना है कि इस ठंडे पानी से धारा बाधित हो सकती है। अगर AMOC ढह जाती है, तो उत्तरी यूरोप में सर्दियों के दौरान तापमान बहुत ज्यादा गिर जाएगा। बर्फ और बर्फीले तूफान बढ़ जाएंगे । वैज्ञानिकों ने कहा कि पहले भी यह धारा ढह चुकी है। करीब 12,000 साल पहले आखिरी बर्फीले युग से पहले यही हुआ था ।

AMOC के ढहने का असर सिर्फ यूरोप पर नहीं, बल्कि दुनिया के कई देश प्रभावित हो सकते हैं । अफ्रीका, भारत और दक्षिण अमेरिका का बारिश पैटर्न बिगड़ सकता है। अंटार्कटिका में गर्मी तेज हो सकती है, जहां गुल पहले ही बर्फ खतरे में है। वैज्ञानिक चेतावनी लगातरा दे रहे हैं कि अगले कुछ दशकों में घटना पूरी हो जाएगी, क्योंकि वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। फिनलैंड के मौसम विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक एलेक्सी नुमेलिन का कहना है कि कब होगा, इस पर बहुत शोध किए जा रहे हैं, लेकिन समाज पर असर के बारे में कम जानकारी है। जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट के स्टेफन राह्यस्टॉफ ने कहा कि विज्ञान तेजी से बदल रहा है। कम समय है, क्योंकि टिपिंग पॉइंट करीब आ रहा है।

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