जनजातीय समाज की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध है डबल इंजन सरकार: मुख्यमंत्री

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बिरसा मुंडा जी की ‘अपना देश- अपना राज’ की अमर उद्घोषणा हर भारतीय के लिए प्रेरणा: मुख्यमंत्री

धरती आबा बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयन्ती पर सोनभद्र को मिली ₹548 करोड़ की 432 विकास परियोजनाओं की सौगात

सोनभद्र/ लखनऊ। धरती आबा बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय बाहुल्य जनपद सोनभद्र के चोपन में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम’ में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल स्मरण का नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव को विकास से जोड़ने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी का संदेश ‘अबुआ देश, अबुआ राज’ आज के नए भारत में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के रूप में प्रकट हो रहा है।

डबल इंजन की सरकार जनजातीय समाज की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों से प्रेरित होकर सोनभद्र और पूरे उत्तर प्रदेश का जनजातीय समाज राष्ट्र की एकता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा और विकास की मुख्यधारा में अग्रणी भागीदार बनेगा।

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‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 150 वर्ष पहले 1875 में जन्मे धरती आबा ने मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जो संघर्ष छेड़ा, वह आज भी नए भारत के लिए मार्गदर्शक है। रांची जेल में यातनाओं के बीच उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया, ब्रिटिश हुकूमत को जनजातीय समुदाय के अधिकारों को स्वीकार करने के लिए झुकना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वतंत्र भारत में वही संघर्ष जनजातीय समाज के सम्मान, हिस्सेदारी और विकास के रूप में आगे बढ़ रहा है और डबल इंजन की सरकार इस विरासत को न्यायपूर्ण नीतियों और ठोस कार्यों में बदल रही है।

सोनभद्र की पावन धरती को उत्तर प्रदेश की ऊर्जा राजधानी, प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध संसाधनों के अद्वितीय संगम की संज्ञा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में भारी संख्या में उपस्थित जनजातीय बहनों-भाइयों की सहभागिता, बदलाव की आकांक्षा और विश्वास का प्रतीक है। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को सम्मानित किया गया और वन अधिकार कानून के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को जमीन के पट्टे सौंपे गए।

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इस अवसर पर सोनभद्र के पर्यटन स्थलों पर आधारित पुस्तिका तथा मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मीरजापुर की कुलपति द्वारा लिखित ‘धरती आबा बिरसा मुंडा’ पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए। इस अवसर पर ‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत महिला पुलिसकर्मियों के लिए 25 स्कूटी को हरी झंडी दिखाई। ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के इस विशेष अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के जनजातीय समूह द्वारा याक नृत्य, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जनजातीय समूह तथा सोनभद्र के करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की बहुरंगी जनजातीय संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई ‘पीएम जन मन योजना’ के अंतर्गत ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ उत्तर प्रदेश के जनजातीय बहुल 517 गांवों में बुनियादी सुविधाओं और समग्र विकास का नया अध्याय लिख रहा है। प्रदेश में लगभग 11 लाख की जनजातीय आबादी सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, चित्रकूट, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच सहित विभिन्न जनपदों में निवास करती है और इन सभी क्षेत्रों में योजनाओं को संतृप्तिकरण के लक्ष्य के साथ लागू किया जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रह जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सोनभद्र में 8,324 बेटियों का विवाह सम्मानजनक ढंग से संपन्न कराया गया है। 75,709 वृद्धजन, 26,432 निराश्रित महिलाएं और 11,017 दिव्यांगजन प्रति वर्ष 12,000 रुपये की पेंशन सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। ‘बीसी सखी’ जैसी पहलों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं गांव-गांव तक बैंकिंग और सरकारी योजनाओं की सुविधाएं पहुंचा रही हैं, जिससे ग्राम स्तर पर आर्थिक गतिविधि और जागरूकता दोनों बढ़ी हैं।

कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने मुख्यमंत्री को जनजातीय समाज की पहचान ‘तीर-धनुष’, वाद्य यंत्र ‘मांदर’ और पारंपरिक टोपी भेंट की। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सदस्य विधान परिषद चौधरी भूपेन्द्र सिंह, प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल, समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में लोकार्पित प्रमुख परियोजनाएं
घोरावल-शिल्पी-कोड़ारी मार्ग स्थित सोन नदी के कोलियां घाट पर सेतु, बलुई-मीतापुर मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, उरमौरा–राजपुर रोड वाया बसौली-बहुआर-रघुनाथपुर-सिन्दूरी मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, 48वीं वाहिनी पीएसी में 200 व्यक्तियों की क्षमता वाली बैरक तथा पुलिस लाइन में 150 पुलिसकर्मियों हेतु हॉस्टल/बैरक निर्माण।

जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई
जिला ग्राम्य विकास संस्थान का आवासीय/अनावासीय भवन, नवीन समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय, घोरावल-कोहरथा-शिवद्वार मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, नवसृजित तहसील ओबरा में आवासीय भवन, थाना जुगैल में टाइप-ए के 3 तथा टाइप-बी के 23 आवास, नगर पालिका परिषद सोनभद्र में कल्याण मंडप।

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