लखनऊ। भारत से युद्ध के वाद पाकिस्तान को चिकन के कपड़ों व स्वादिष्ट भोजन तक के लिए तरसना पड़ेगा, क्योंकि शनिवार को युद्ध विराम भले ही हो गया है, लेकिन आयात निर्यात को लेकर सरकार ने कोई फैसला नही किया है, जिससे फिलहाल पाकिस्तान को गर्म मसाले, कपड़े व दाल के लिए तरसना पड़ेगा । निर्यात बंद होने का सीधा लाभ फुटकर दुकानदारों व आम जनता को मिल रहा है, वहीं सूती कपड़े व चिकन के लिए पाकिस्तान भारत पर निर्भर था।
अव सूती व चिकन के कपड़े पहनने के लिए भी पाकिस्तानी तरसेगें। लखनऊ चिकन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश छवलानी ने वताया कि पाकिस्तान व खाड़ी देशों में चिकन व सूती कपड़ों का बड़ी मात्रा में निर्यात होता है जो कि अब पूरी तरह से वंद है। हालांकि अफगानिस्तान से पाकिस्तान होकर भारत आने वाले ड्राईफूड थोड़ा महंगा जरूर हुआ है।
गर्म मसालों के लिए भारत पर निर्भर है पाकिस्तान
गर्म मसालों के लिए पाकिस्तान भारत पर निर्भर है। आपरेशन सिन्दूर के वाद गर्म मसालों के दाम पन्द्रह से बीस प्रतिशत तक गिर गए हैं, क्योंकि पाकिस्तान में गर्म मसालों का निर्यात नही हो रहा है। लखनऊ किराना कमेटी के महामंत्री प्रशांत गर्ग का कहना है कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते भारत आने वाले सूखे मेवा के दाम कुछ वढ़े हैं।
अरहर व खाद्य तेल की कीमतों में आयी गिरावट
लखनऊ व्यापार मंडल के चेयर मैन व पाण्डेय गंज गल्ला मंडी के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि अरहर दाल व अन्य कोई दाल पाकिस्तान नही जाती है, चावल चना या अन्य अनाज भी लखनऊ से नही जाती है। श्री अग्रवाल ने वताया कि फुटकर बाजार में दाल व खाद्य तेल की कीमतों में कमी आयी है।