नई दिल्ली। जापान अपने अजीबो-गरीब लेकिन कमाल के इनोवेशन के लिए हमेशा से मशहूर रहा है। सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो दिख जाते हैं, जिन्हें देखकर लोग दंग रह जाते हैं। इस बार भी एक ऐसा ही वीडियो चर्चा में है, जिसमें दिखाया गया है ह्यूमन वॉशिंग मशीन यानी इंसान को धोने वाली मशीन। नाम जितना अनोखा है, इसका काम उतना ही दिलचस्प है। देखने में यह कोई फ्यूचरिस्टिक पॉड जैसा लगता है जिसमें इंसान लेटता है और पूरा नहाने-धोने का चक्कर मशीन खुद संभाल लेती है। तो आइए विस्तार से जानते हैं ।
इस मशीन को जापान की साइंस नाम की कंपनी ने बनाया है। खास बात यह है कि इसके अंदर कोई घूमने वाला ड्रम या ऐसा हिस्सा नहीं है जो यूजर को नुकसान पहुंचा सके। इंसान बस पॉड के अंदर लेटता है, ढक्कन बंद करता है और फिर पूरा प्रोसेस ऑटोमैटिकली शुरू हो जाता है । इसके दौरान बैकग्राउंड में हल्का-फुल्का संगीत बजता रहता है, ताकि अंदर मौजूद व्यक्ति को रिलैक्स महसूस हो। इसका आइडिया कोई नया नहीं है। 1970 के ओसाका वर्ल्ड एक्सपो में इसी कॉन्सेप्ट का शुरुआती मॉडल दिखाया गया था।
कंपनी के संस्थापक यासुआकी आओयामा इसी मशीन को बचपन में देखकर इतने प्रभावित हुए थे कि आगे चलकर इसे असली प्रोडक्ट बनाने का सपना देखा। बाद में जब उनकी बेटी को त्वचा से जुड़ी समस्या हुई, उन्होंने ऐसा तरीका खोजने की कोशिश शुरू की जिसमें शरीर को बिना रगड़े साफ किया जा सके। इसी खोज ने उन्हें छोटे बुलबुले यानी अल्ट्रा- फाइन बबल्स की तकनीक तक पहुंचाया, जो इस मशीन में इस्तेमाल होती है।
वायरल वीडियो इंस्टाग्राम पर @technology नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि जैसे ही कोई पॉड में प्रवेश करता है, सिस्टम एक्टिव हो जाता है। पहले अंदर हल्का पानी और साबुन छोड़ा जाता है, फिर मशीन माइक्रो- बबल्स की मदद से सफाई की प्रक्रिया शुरू करती है । ये बेहद छोटे-छोटे बुलबुले त्वचा की गंदगी को धीरे-धीरे हटाते हैं, जिससे स्किन पर कोई रगड़ या जलन नहीं होती। इसके बाद मशीन व्यक्ति को पूरी तरह सुखा भी देती है । पूरा प्रोसेस खत्म होने के बाद पॉड का दरवाजा अपने आप खुल जाता है और यूजर साफ- सुथरा और फ्रेश महसूस करते हुए बाहर निकल सकता है।
वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया भी मजेदार है। किसी ने इसे ‘जेटसन – स्टाइल बाथ’ कहा, तो किसी ने मजाक में लिखा कि इसे ‘फाइनल डेस्टिनेशन’ फिल्म का हिस्सा बना देना चाहिए। कई यूजर्स ने इसे बुजुर्गों और कम चल-फिर पाने वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी बताया। वहीं कुछ लोग इस पॉड के अंदर बंद होने और पानी से भर जाने के विचार से डरे भी नजर आए।
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