मथुरा। श्रीबांके बिहारी मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी की बैठक सोमवार रात आयोजित हुई। बैठक में मंदिर प्रबंधन और सेवादारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे। कमेटी ने बताया कि सिविल कोर्ट के आदेशों की लगातार अवहेलना किए जाने पर गोस्वामी समाज पर अलग-अलग समय में कुल 5 करोड़ 84 लाख रुपये से अधिक की पेनाल्टी लगाई गई है, जिसे मंदिर के सेवादारों से वसूला जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि बीते करीब दो दशकों से कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा था। जांच में सामने आया कि कुछ सेवादार मंदिर कोष से अपने बच्चों की फीस भर रहे थे, जो पूरी तरह गैरकानूनी है। इसके अलावा विधवा पेंशन और बुजुर्गों के पालन-पोषण के नाम पर भी मंदिर के धन का उपयोग निजी खर्चों में किया गया।
कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं
अशोक कुमार ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने परंपरा के नाम पर अवैध वसूली और ठगी जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। मंदिर की आय का बड़ा हिस्सा प्रबंधन और सेवादारों पर ही खर्च किया जा रहा था, जिस पर अब सख्ती से रोक लगाई जाएगी। कमेटी की जांच में यह भी सामने आया कि राजस्थान के कोटा जिले में मंदिर की करीब 100 बीघा जमीन है, लेकिन उससे जुड़े दस्तावेज मंदिर रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं हैं।
सीए की रिपोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था पर भी गलत तरीके से खर्च किए जाने की बात सामने आई है। इसके साथ ही निधि वन की सुरक्षा का खर्च भी अब तक बांके बिहारी मंदिर के कोष से ही किया जाता रहा।कमेटी ने स्पष्ट किया कि सामने आई सभी अनियमितताओं को दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे और मंदिर कोष का उपयोग केवल भक्तों और मंदिर की व्यवस्थाओं के हित में ही सुनिश्चित किया जाएगा।
