2047 में विकसित होगा भारत, स्वदेशी व आत्मनिर्भर संकल्प अभियान के माध्यम से बढ़ेगा इसका रास्ताः सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपदों में स्वदेशी मेले लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें एमएसएमई विभाग सहयोग करेगा। दीपावली के पहले हर जनपद में 10 से 18 के बीच एक सप्ताह तक ओडीओपी व स्थानीय उत्पादों का मेला लगे। यह कार्यक्रम बहुत अच्छा हो सकता है। इससे स्थानीय उद्यमियों व व्यापारियों को बहुत लाभ होता है और लोग विदेशी उत्पाद खरीदने से भी बचते हैं।
सीएम ने कहा कि 2017 से पहले चीन का झालर बाजार में छा जाता था, लेकिन अब लोग मिट्टी के दीप जला रहे हैं। 2017 में दीपोत्सव के आयोजन में 51 हजार दीप अयोध्या मंडल में नहीं मिल पाए थे। इसे पूरे प्रदेश से जुटाना पड़ा था परंतु गत वर्ष जितने दीप प्रज्ज्वलित कराए गए थे, यह सभी अयोध्या में बने थे। इस बार भी दीपोत्सव में रिकॉर्डतोड़ दीप प्रज्ज्वलित होंगे और यह मिट्टी व गाय के गोबर से बनेंगे। लोकल लोगों को तैयार करना होगा। हर घऱ में दीप जले, दीप भी भारत का स्वदेशी मॉडल है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प विषयक प्रदेश स्तरीय कार्यशाला को संबोधित किया।
स्वदेशी व आत्मनिर्भर का सबसे अच्छा मॉडल है यूपीआईटीएस
सीएम योगी ने कहा कि 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में यूपीआईटीएस का आयोजन होगा। 25 को इसके तीसरे चरण का शुभारंभ सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह स्वदेशी और आत्मनिर्भर का सबसे अच्छा मॉडल है। यूपी के अंदर बने उत्पाद को केवल शोकेस ही नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे बड़ा भी मंच मिलेगा।
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500 विदेशी समेत पूरे देश से व्यापारी भी खरीदारी करने आ रहे हैं। दिल्ली, नोएडा, ग्रेनो, यमुना अथॉरिटी समेत आसपास के सभी होटल फुल हो चुके हैं। पिछले साल चार दिन में 2200 करोड़ की बिक्री हुई थी। इस सफलतम आयोजन से यूपी के कारीगरों, उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को प्लेटफॉर्म मिलता है। सभी से अनुरोध किया कि एक दिन आईटीएस का अवलोकन करें। यहां यूपी की ताकत का अहसास होगा।

स्वदेशी विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने और उसकी आधारशिला को सुदृढ़ करने का अभियान
सीएम ने कहा कि स्वदेशी आत्मनिर्भर भारत के अभियान का हिस्सा बनने वाला है। यह विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने और उसकी आधारशिला को सुदृढ़ करने का अभियान है। स्वदेशी केवल नारा नहीं है और न ही यह खादी वस्त्रों तक सीमित है। भाजपा नेतृत्व की सरकार देश में सुई से लेकर समुद्री मालवाहक जहाजों और फाउंटेन पेन से लेकर एरोप्लेन का निर्माण कर रही है।
पीएम मोदी ने स्वदेशी की इस अवधारणा को व्यापक व विराट रूप दिया है। जो भारत में निर्मित हो, जिसमें भारत के श्रमिकों का पसीना और यहां के युवा शक्ति की प्रतिभा लगी हो। वह स्वदेशी है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड यानी दुनिया के लिए भारत के द्वारा बनाया गया उत्पाद हमारे लिए स्वदेशी है। हम स्वदेशी को जीवन का हिस्सा बनाएं।
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भारत का कोई सानी नहीं था
सीएम योगी ने सीपी जोशी के वक्तव्य की चर्चा की और कहा कि दो हजार वर्ष पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 40 फीसदी था। आज से 300 वर्ष पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25 फीसदी था। औद्योगिकीकरण से होने वाले उत्पादन में भारत का योगदान नंबर एक (अकेले 25 फीसदी) था। वृहत्तर भारत मतलब आज का भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश। 300 वर्ष तक भारत दुनिया की नंबर एक की आर्थिक ताकत और नंबर एक का उत्पादक राष्ट्र था और कृषि में भारत का कोई सानी नहीं था।
विदेशी शासकों ने स्वार्थ के लिए बंगाल के कारीगरों के हाथ काट दिए थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत दुनिया में सातवें नंबर पर है। बृहत्तर भारत से पहले रूस, चीन, अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया है। भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश के पास कुल भूभाग साढ़े 42 करोड़ हेक्टेयर का भौगोलिक क्षेत्रफल था, जबकि रूसी संघ के पास 1 अरब 70 करोड़ हेक्टेयर लैंड है। इन देशों में केवल 20 फीसदी भूमि पर कृषि हो सकती है, लेकिन भारत अकेले 60 फीसदी भूभाग पर कृषि करता है।
भारत के पास सबसे उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन है। भारत कपड़े का सबसे बड़ा उत्पादक था। भारत दुनिया में कपड़ा बेचता था। मुख्यमंत्री ने बंगाल के इतिहास का जिक्र किया और कहा कि विदेशी शासकों ने स्वार्थ के लिए वहां के कारीगरों के हाथ काट दिए थे। सीएम ने कहा कि होली से दीवाली के बीच हर गांव में गाय, बकरी, भैंस खेतों में बांधे जाते थे। वह उसी हिसाब से खेती को उर्वरक को बनाते थे। हम जितनी खेती का दोहन करते थे, उससे दोगुना रिटर्न करते थे। पीएम मोदी जिसे नेचुरल फॉर्मिंग और सुभाष पालेकर जीरो बजट खेती कहते हैं। हमारा किसान जीरो बजट खेती ही करता था। गाय का गोबर, मूत्र व उससे जुड़े उत्पाद, खुर धऱती को मुलायम करते थे और उर्वरकता को बढ़ाए रखते थे। इससे खूब अन्न उत्पादन होता था।
देश की सफलतम योजना है ओडीओपी
सीएम योगी ने कहा कि पीएम की प्रेरणा से यूपी में हमारी सरकार ने देश की सफलतम ओडीओपी योजना निकाली थी। यूपी में सभी 75 जनपदों का यूनिक प्रोडक्ट है। खेल का सामान मेरठ, चमड़े का उत्पाद आगरा, कानपुर, उन्नाव तथा कॉरपेट भदोही, मीरजापुर व वाराणसी में बना होगा। दुनिया में इस्तेमाल की जाने वाली सिल्क की साड़ी वाराणसी व आजमगढ़ तथा जरी जरदोजी लखनऊ, ग्लास आइटम फिरोजाबाद, चीनी मिट्टी का बर्तन खुर्जा में बना होगा। आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, दुनिया का सबसे अच्छा चावल सिद्धार्थनगर का काला नमक है। प्रतापगढ़ का आंवला, आगरा का पेठा, पापड़ का हापुड़, चाकू रामपुर में मिलेगा।
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हर क्षेत्र में भारत के अंदर पैदा हो रही ताकत
सीएम ने कहा कि यूपी की ओडीओपी स्कीम ने रोजगार दिया। यूपी में 96 लाख यूनिट स्थापित हुई हैं। 2017 के पहले कारीगर हताश-निराश था। सरकार का प्रोत्साहन नहीं था। हमने स्कीम बनाई और उसे नई गति दी। अभियान को नए सिरे से बढ़ाते हुए उसे डिजाइन, टेक्नोलॉजी, मार्केट, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और प्रोत्साहन दिया। कभी बीमारू कहा जाने वाला यूपी ओडीओपी से दो लाख करोड़ का एक्सपोर्ट कर रहा है। घरेलू बाजार के इतर भदोही से 14 हजार करोड़, मुरादाबाद का ब्रास आइटम 12 से 14 हजार करोड़, फिरोजाबाद से चार से पांच हजार करोड़ का एक्सपोर्ट दुनिया के बाजार में हो रहा है।
यह पैसा कारीगरों, उद्यमियों, श्रमिकों के पास आता है। इसमें दो करोड़ लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं यानी इस कारोबार से 10 करोड़ लोगों का जुड़ाव है। यह काम घर के अंदर कम पूंजी में भी हो सकता है। हर एक क्षेत्र में भारत के अंदर ताकत पैदा हो रही है। सीएम ने आह्वान किया कि हमारे लोग जो उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उसे मजबूती मिले।
दो लाख करोड़ का मोबाइल बाहर भेजता है यूपी
सीएम ने कहा कि यूपी ओडीओपी, खादी व डिफेंस प्रोडक्शन से अपनी ताकत का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है। अन्नदाता खुशहाल है। उसे लागत का डेढ़ गुना से अधिक दाम मिल रहा है। 8 वर्ष में 2 लाख 86 हजार करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को डीबीटी के माध्यम से किया गया है। 45 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए। कनेक्टिविटी बेहतर हुई। ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, पीएम विश्वकर्मा जैसी स्कीम के माध्यम से इसे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। यूपीआईटीएस भी उसी का हिस्सा है। यहां 2500 स्टॉल लगे हैं।
सीएम ने सभी से इस मेले में आने की अपील की। सीएम ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट कोई भी हो, देश का 60 फीसदी प्रोडक्शन यूपी कर रहा है। 60 फीसदी मोबाइल यूपी में बन रहा है। फोन, टैबलेट, लैपटॉप का डिस्प्ले बोर्ड यूपी में बन रहा है। अब चीन, ताइवान व अमेरिका से नहीं आ रही, बल्कि पांच साल से सफलतापूर्वक प्रोडक्शन कर इसे देश-दुनिया को उपलब्ध करा रहे हैं। यूपी दो लाख करोड़ का मोबाइल बाहर भेजता है।
इस अवसर पर राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी, यूपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल, अभियान के संयोजक ब्रज बहादुर आदि मौजूद रहे।