नयी दिल्ली। भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के धरती से 28 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में प्रवेश करने पर वहां के चालक दल के सदस्यों ने गले लगाकर और हाथ मिलाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
ड्रैगन श्रृंखला के पांचवें अंतरिक्ष यान, जिसका नाम ग्रेस है, को उत्तरी अटलांटिक महासागर के ऊपर भारतीय समयानुसार अपराह्न 4:01 बजे अंतरिक्ष स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल के साथ वहां संचार, विद्युत संपर्क और दबाव स्थिरीकरण स्थापित करने में दो घंटे का समय लगा।
नासा ने कहा, एक्सिओम 4 के चालक दल – कमांडर पैगी व्हिटसन, इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, पोलिश इंजीनियर स्लावोज उज्नान्स्की – विस्त्रीव्स्की, और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बाहर निकले और पृथ्वी की निचली कक्षा में अपने घर पर नजर डाली। यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर पहुंचा है। अपनी पांचवीं अंतरिक्ष उड़ान पर पहुंची व्हिटसन ने कहा, “हम यहां आकर खुश है।
मेरे लिए सौभाग्य की बात
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उन कुछ लोगों में शामिल हूं जिन्हें इस खास स्थान से पृथ्वी को देखने का मौका मिला है। बेसब्री से इंतजार कर रहा था। आईएसएस के चालक दल ने स्वागत किया और हमारे लिए अपने दरवाजे खोले ।
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