इंफ्रा विजन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खोली थी कंपनी मोहनलालगंज, आशियाना और पीजीआई में दर्ज हैं 30 मुकदमे
लखनऊ। सैन्य कर्मियों को सस्ते प्लॉट दिलाने की स्कीम निकालकर 100 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी के आरोपित प्रमोद उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया। मोहनलालगंज पुलिस और एसटीएफ की टीम ने 25 हजार के इनामी को पकड़ने में सफलता पाई। प्रमोद के खिलाफ आशियाना, पीजीआई और मोहनलालगंज में 30 मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल के मुताबिक प्रमोद उपाध्याय मोहनलालगंज ज्योतिनगर मोड़ के पास से गिरफ्तार किया गया है। वह मूल रूप से बलिया के बांसडीह खरौनी का रहने वाला है। यहां वृंदावन योजना आवास विकास सेक्टर-3 में रहता था । उसने पिता और भाई के साथ मिलकर इंफ्रा विजन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी खोल रखी थी। साथ ही कान्हा उपवन के नाम से हाउसिंग सोसाइटी बना रखी थी।
आशियाना में उसने रियल एस्टेट कंपनी का आफिस खोल रखा था। कई साल से फरार था। उसके पिता हरिद्वार उपाध्याय की मौत हो चुकी थी। वह कंपनी के निदेशक थे। भाई विनोद उपाध्याय सह निदेशक थे और वह फरार है।
सहायक पुलिस आयुक्त मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने बताया कि कुछ माह पहले पुणे बोपखेल के गणेश नगर रोड पर रहने वाली लक्ष्मी देवी कुकरेती ने इंफ्रा विजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और उसके निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था । उन्होंने प्लाट के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था। रजिस्ट्री भी उनकी हो गई थी।
जब वह मोहनलालगंज कान्हा उपवन कंपनी की लोकेशन पर पहुंची तो पता चला कि वहां जमीन ही नहीं है। मुकदमे दर्ज होने के बाद आरोपित प्रमोद के खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित था। प्रमोद और उसका भाई व गिरोह के अन्य लोग आठ-10 साल से ठगी कर रहे हैं। जब मुकदमे दर्ज होना शुरू हुए तो यह लोग आशियाना स्थित कंपनी का आफिस बंद कर भाग निकले थे। प्रमोद फरारी के दौरान दिल्ली, उत्तराखंड, प्रतापगढ़ और खलीलाबाद में रहा था ।
खलीलाबाद और प्रतापगढ़ में बनाई संपत्ति एसीपी ने बताया कि तफ्तीश में पता चला है कि जालसाजों ने धोखाधड़ी के रुपयों से काफी संपत्तियां बनाई हैं।यहां से लोगों से ठगी की और इसके बाद खलीलाबाद, प्रतापगढ़ व रक्सौल में कई कांप्लेक्स और अन्य इमारतें बनवाई थी ।
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