हत्यारा हुमायूं नोएडा की कंपनी में काम कर चुका है, तलाक होने के बाद कट्टरपंथ की ओर बढ़ा उसका झुकाव
दुर्गापुर। बंगाल के पूर्वी बर्द्धमान जिले के काजीपारा मेमारी में जिहादी सोच से ग्रसित युवक ने अपने माता-पिता की गला काटकर हत्या कर दी। इसके बाद वह 130 किलोमीटर की दूरी तय कर बनगांव के एक मदरसे में घुसा और वहां भी चार लोगों पर कुल्हाड़ी एवं चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को संदेह है कि वह बांग्लादेश भागने की कोशिश में बनगांव पहुंचा था, क्योंकि यह स्थान बांग्लादेश की सीमा से सटा है।
उसने मदरसा के शिक्षकों और कर्मचारियों पर तब हमला किया जब उन्होंने इस्लाम और जिहाद से जुड़े उसके सवालों का जवाब देने से इन्कार कर दिया। बनगांव के एसपी दिनेश कुमार ने बताया कि पकड़े जाने के बाद आरोपित ने पहले हत्याओं से इन्कार किया, लेकिन बाद में उसने कबूल कर लिया कि उसने ही अपने मां-बाप की जान ली और मदरसे में घुसकर हमला किया। उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है ताकि उसके किसी आतंकी नेटवर्क या आनलाइन कट्टरपंथी क संगठनों से संबंध की जांच न की जा सके। तो आरोपित युवक 35 वर्षीय हुमायूं न कबीर ने जादवपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।
वह पिछले कुछ महीनों से दिन-रात मोबाइल पर जेहादी कंटेंट देख रहा था। बताया जा रहा है कि जेहादी कंटेंट देखे जाने से रोकने पर ही उसने माता-पिता की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, हुमायूं ने अपने पिता 65 वर्षीय हाजी मुस्तफिजुर रहमान और मां 55 वर्षीय मुमताज बेगम की घर के अंदर गला रेतकर हत्या की और उनके खून से सने शवों को बाहर तक घसीट कर लाया। स्थानीय लोगों ने यह दृश्य देख पुलिस को सूचना दी। शुरुआती जांच में पाया गया कि हत्या योजनाबद्ध थी।
आरोपित हुमायूं एक प्रशिक्षित इंजीनियर है, जो पहले दिल्ली और नोएडा में काम कर चुका है। जांच में पता चला है कि हत्या में कबीर द्वारा इस्तेमाल किया गया चाकू एक ई-कामर्स प्लेटफार्म से खरीदा गया था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि हुमायूं की पांच महीने पहले नौकरी छूट गई थी। वहीं एक साल पहले उसका पत्नी से तलाक हो चुका था। तभी से वह डिप्रेशन में था। इसी क्रम में वह इंटरनेट मीडिया पर जेहादी साहित्य पढ़ने और देखने लगा।
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