क्या बृहस्पति ग्रह पर कभी रह पाएगा इंसान ? साथ ही जुड़ी कुछ रोचक बातें भी जाने

नई दिल्ली। सौरमंडल में अनेक ग्रह और उपग्रह हैं, जिनमें सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है, जो गैसों का एक समूह है। इसे शनि अरुण और वरुण ग्रह के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस ग्रह के बारे में लोग प्राचीन काल से ही जानते हैं। साथ ही यह ग्रह अनेक संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक विश्वासों के साथ भी जुड़ा हुआ है। भारत में इस ग्रह को ‘गुरु’ के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं अंग्रेजी में इसे ‘जुपिटर’ के नाम से जाना जाता है। इस ग्रह का नाम रोमन सभ्यता ने अपने पौराणिक देवता ‘जुपिटर’ के नाम पर रखा था। अब सवाल है कि क्या इस ग्रह पर कभी इंसान रह पाएंगे। साथ ही जुड़ी कुछ रोचक बातें भी बताएंगे। पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, जबकि बृहस्पति ग्रह पर एक दिन मात्र नौ घंटा और 55 मिनट का ही होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी के 11.9 साल में बृहस्पति ग्रह का एक साल होता है।

यह भी पढ़ें : मस्क ने जिन्हें कहा था ‘सांप’, ट्रंप ने उसी सर्जियो गोर को बनाया भारत का अमेरिकी राजदूत

बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है। यह सदा अमोनिया क्रिस्टल और संभवत: अमोनियम अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड के बादलों से ढंका रहता है। इस ग्रह पर कोई धरातल नहीं है। ऐसे में यहां इंसानों का रहना लगभग असंभव है। इस ग्रह का अपना शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल है और इसी वजह से इसे सौरमंडल का ‘वैक्यूम क्लीनर’ भी कहा जाता है।

दरअसल, यह सौरमंडल में आने वाले बाहरी उल्कापिंडों को अपनी ओर खींच लेता है और उन्हें उनके हमले से बचाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्रह पर करीब 355 साल से एक भयंकर तूफान चल रहा है, जिसे ‘द ग्रेट रेड स्पॉट’ कहा जाता है। दरअसल, यह तूफान एक लाल धब्बे की तरह दिखाई देता है। इस तूफान के बारे में कहा जाता है कि यह इतना बड़ा है कि इसमें पृथ्वी जैसे तीन ग्रह आराम से समा जाएं। हालांकि वैज्ञानिक इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं, लेकिन वो अब तक इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं कि यह तूफान आखिर सैकड़ों साल से लगातार कैसे चल रहा है।

यह भी पढ़ें : बाघ से बचाव या खूबसूरत दिखने का शौक, ये जनजाति गले में पहनती हैं भारी छल्ले

Related posts