लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ विधेयक, पक्ष में 125 विपक्ष में 92 वोट पड़े
नई दिल्ली। लंबी कवायद के वाद आखिरकार वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा में 232 के मुकावले 288 वोट से पारित इस विधेयक को राज्यसभा ने भी पास कर दिया | वृहस्पतिवार को करीव 12 घंटे चली लंबी वहस के वाद राज्यसभा में हुई वोटिंग में विधेयक के पक्ष में 125 और विपक्ष में 92 वोट पड़े। राज्यसभा द्वारा पारित किए जाने के वाद अव अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वृहस्पतिवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पहले सरकार और फिर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श किया और इसके जरिये वक्फ वोर्ड को समावेशी बनाया गया है। रिजिजू ने उच्च सदन में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखने के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ की हुई, वहीं 2013 में वदलाव करने वाद भी आय महज तीन करोड़ बढ़ी। उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा कि विधेयक में वक्फ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है। रिजिजू ने कहा, “किसी भी तरीके से वक्फ वोर्ड वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करता और उसमें हस्तक्षेप नहीं करता । अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने 2013 में इस कानून में संशोधन के लिए लाये गये विधेयक पर बनी जेपीसी और वर्तमान जेपीसी के कामकाज की तुलना करते हुए कहा कि उसकी तुलना में नयी समिति के सदस्यों की संख्या, वैठकों की संख्या, विचार विमर्श करने वाले राज्यों की संख्या बहुत अधिक है।
रिजिजू ने कहा कि विधेयक में जिस परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर ) कीव्यवस्था की गयी है, उसका काम केवल इतना है कि वक्फ वोर्ड और उसके तहत आने वाली जमीनों का प्रबंधन ठीक से हो रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि कि इसके माध्यम से सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
उन्होंने केरल उच्च न्यायालय और इलाहावाद उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक इकाई है और इसके मुतवल्ली की जिम्मेदारी धर्मनिरपेक्ष किस्म की है, धार्मिक किस्म की नहीं। उन्होंने कहा कि इन अदालतों के मुताविक मुतवल्ली के ऊपर निगरानी रखने के लिए वक्फ वोर्ड बनाए गए है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले 5 मार्च 2014 को उस समय की संप्रग सरकार ने आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन 123 मुख्य संपत्तियों को दिल्ली वक्फ वोर्ड को हस्तांतरित कर दिया। रिजिजू ने कहा कि 2013 के संशोधन के अनुसार कोई भी व्यक्ति वक्फ कर सकता है।
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