श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पहले भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भेंट की थी घड़ी
अयोध्या । श्रीराम मंदिर में श्रीराम दरवार के प्राण प्रतिष्ठा पर लखनऊ के सब्जी विक्रेता अनिल कुमार साहू ने सात देशों का समय बताने वाली वर्ल्ड क्लॉक भेंट की है। यह घड़ी यज्ञ मंडप में लगाई जाएगी। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समय पहले भी घड़ी भेंट कर चुके हैं। लखनऊ के सब्जी विक्रेता अनिल कुमार साहू ने अपनी कड़ी मेहनत से उम्र के चौथे पड़ाव पर ऐसी अनोखी घड़ी का निर्माण किया जो भारत ही नहीं विश्व में भी एकदम अलग है, इसे वर्ल्ड क्लॉक का नाम दिया गया है। हाईस्कूल फेल अनिल पेशे से सब्जी विक्रेता है। 25 साल की कड़ी मेहनत के बाद इन्होंने घड़ी वनाई है और इस घड़ी को अपने नाम से पेटेंट भी करा लिया है।
श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान यह घड़ी रामलला को भेंट की गई थी। एक वार फिर राम दरवार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, ऐसे में श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से एक वार फिर घड़ी की मांग की गई। हालांकि मंदिर ट्रस्ट इसको लेकर भुगतान की पेशकश कर रहा था लेकिन श्रद्धा में घड़ी निर्माता ने इसे श्रीराम मंदिर को एक वार फिर सप्रेम भेंट किया है।
अपनी कला श्रीरामलला को समर्पित करने अयोध्या पहुंचे अनिल कहते है कि हमारा ही नहीं हमारी पीढ़ियों के लिए यह सौभाग्य का विषय है, हमारी कला किसी काम आई। हालांकि आज भी सब्जी बेचने का काम अनिल कर रहे है लेकिन एक घड़ी जो वर्ल्ड क्लॉक के नाम से जानी जाती है उसको अपने उम्र के उस पड़ाव पर वनाया जव लोग रिटायरमेंट ले लेते है। काम और मेहनत के वल पर एक सब्जी विक्रेता की ओर से बनाई गई घड़ी अनोखी ही नहीं एकदम अलग है। यह घड़ी भारत, दुवई, टोक्यो, वीजिंग मास्को और सिंगापर का समय बता रही है।
एक घड़ी के निर्माण में लगभग पाँच हजार का खर्च आता है। इसको बनाने के बाद वह अपनी कला को रामलला को समर्पित कर रहे हैं। घड़ी निर्माता अनिल साहू तीन वेटियों के पिता हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा देकर पढ़ा लिखा कर कुछ बनाना चाहते है । दो वेटियां वैक की तैयारी कर रही है तो एक वेटी वीटीसी कर रही है। संघर्षो में आर्थिक संकट के वीच अपनी कला को एक अलग पहचान देना और भारत ही नहीं, वर्ल्ड क्लॉक बनाना इस बात का प्रमाण है कि जहां चाह होती है वहां राह होती है।
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