तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और जनभागीदारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगा दुग्ध क्षेत्र : योगी

एनडीडीबी के साथ एमओयू एक ठोस, दूरदर्शी और व्यवहारिक कदम : मुख्यमंत्री

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि पशुधन संपदा और दुग्ध उत्पादन की विशाल क्षमता को यदि नियोजित और वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए, तो उत्तर प्रदेश न केवल देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य वन सकता है, वल्कि वैश्विक डेयरी मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकता है। योगी की उपस्थिति में राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) द्वारा संचालित तीन डेयरी प्लांट (कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज) तथा अम्वेडकरनगर स्थित एक पशुआहार निर्माणशाला के संचालन हेतु राष्ट्रीय डेयरी विकास वोर्ड (एनडीडीवी) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान संपन्न हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने, पशुधन आधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त उत्पाद उपलब्ध कराने के लिये पूरी प्रतिवद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि एनडीडीवी जैसे दक्ष एवं अनुभवी संस्थान को संचालन सौपे जाने से इन इकाइयों में तकनीकी कुशलता, व्यावसायिक पारदर्शिता और किसानों को प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित होगा। एनडीडीवी के साथ यह एमओयू उसी दिशा में एक ठोस, दूरदर्शी और व्यवहारिक कदम है।

उन्होने कहा कि दुग्ध विकास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को नया आयाम मिला है। झांसी की वलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी सहित आगरा व गोरखपुर आदि जनपदों में दुग्ध विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने इसमें सहयोग के लिए एनडीडीवी की भूमिका की सराहना भी की। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की उदासीनता और नीति विहीनता के कारण यह क्षा उपेक्षित रहा, जिससे पशुपालकों के भीतर निराशा घर कर गई थी और प्रदेश का बहुमूल्य पशुधन भी धीरे – धीरे कम होता गया। वर्ष 2014 के वाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं संवद्ध क्षेत्रों में क्रांतिकारी नवाचार हुए, जिनके परिणामस्वरूप यह क्षा आज युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र वन रहा है और रोजगार के नये अवसर सृजित हो रहे है ।

एनडीडीवी के चेयरमैन मीनेश शाह ने नोएडा में संपन्न वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 के आयोजन में मुख्यमंत्री की ओर से प्राप्त सहयोग के प्रति आभार जताया। इस मौके पर विभागीय मंत्री डेयरी व पशुपालन धर्मपाल सिंह भी मौजूद थे। प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास विभाग ने वताया कि कानपुर स्थित डेयरी प्लांट 160.84 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता चार लाख लीटर प्रतिदिन है। इसी प्रकार, गोरखपुर डेयरी प्लांट 61.80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है, जो प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की क्षमता रखता है ।

कन्नौज प्लांट 88.05 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हुआ है, जिसकी क्षमता भी एक लाख लीटर प्रतिदिन है। इन तीनों प्लांटों का निर्माण पूर्ण होने के वावजूद वाणिज्यिक वायर्स के अभाव तथा परिचालन लागत की चुनौतियों के कारण पूर्व में संचालन में वड़ी वाधाएं उत्पन्न हुई थीं । अव इनका संचालन एनडीडीवी के माध्यम से किए जाने से यह इकाइयाँ पुनः पूर्ण क्षमता से कार्य करने लगेंगी।

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