सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : वक्फ कानून बरकरार, कुछ प्रावधानों पर लगाई गई रोक

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सरकार के साथ विवाद की स्थिति में वक्फ संपत्ति की मान्यता रद्द करने पर रोक

वक्फ परिषद में अधिकतम चार व बोर्ड में हो सकते हैं तीन गैर मुस्लिम सदस्य

पूरे कानून पर रोक लगाने का नहीं बनता मामला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून पर केवल दुर्लभतम मामलों में ही रोक लगाई जा सकती है। हमने प्रत्येक धारा को दी गई चुनौती पर विचार किया है और पाया है कि पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनता। हालांकि, कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाते हुए कहा हैं कि केंद्रीय वक्फ परिषद में अधिकतम 4 और राज्यों के वक्फ बोर्डों में तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते। शीर्ष अदालत ने इस कानून के उस प्रावधान पर भी रोक लगा दी है, जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए पिछले 5 साल से इस्लाम के पालन को अनिवार्य कर दिया था। यह रोक कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला आने तक रहेगी।

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मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अंतरिम फैसले में कहा है कि अधिनियम पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है। कोर्ट ने धारा 3 (1) (आर) पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया है कि वक्फ सिर्फ वही व्यक्ति बना सकता है जो 5 साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। कोर्ट ने कहा कि इस पर तब तक रोक लगी रहेगी, जब तक राज्य सरकारें कोई नियम नहीं बना लेती।

कोर्ट ने अतिक्रमण के आरोप में संबंधित संपत्ति को तब तक वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा, जब तक नामित अधिकारी इस बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर देता कि यह अतिक्रमण है या नहीं पर भी रोक लगा दी। कोर्ट ने धारा उसी (4) पर भी रोक लगा दी, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार नामित अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त होने पर सुधार करने का निर्देश देगी । कोर्ट ने कलेक्टर को संपत्तियों के अधिकार निर्धारित करने की अनुमति देने को नहीं स्वीकारा।

वक्फ संपत्ति के पंजीकरण में हस्तक्षेप से इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्ति के पंजीकरण को अनिवार्य किए जाने वाले प्रावधानों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि यह कोई नई आवश्यकता नहीं है क्योंकि संपत्ति के पंजीकरण की यह शर्त 1995 से 2013 तक भी थी।

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बोर्डका सीईओ हो मुस्लिम समुदाय से
शीर्ष अदालत ने कहा है कि वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जहां तक संभव हो, मुस्लिम समुदाय से ही होना चाहिए। यह हमारा सुझाव है।

भाजपा ने किया स्वागत
पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वक्फ व्यवस्था में सुधार का में निर्णय विशुद्ध रूप से आस्था की रक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के सुधार के लिए है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तायी निराशा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले पर निराशा व्यक्त की है। बोर्ड प्रवक्ता डॉक्टर कासिम रसूल इलियास ने कहा है कि कोर्ट
कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है लेकिन मुस्लिम समाज और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को उम्मीद थी कि विधेयक के सभी प्रावाधानों पर रोक लगाई जाएगी।

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