कांग्रेस नेता ने एक पॉडकास्ट में नेहरू की राजनीति, आदर्श, विचार और योगदान के बारे बात की
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सच्चाई के लिए खड़े होना गांधी-नेहरू की परंपरा रही है तथा वह खुद को नेता के रूप में नहीं देखते वल्कि सत्य का साधक (सीकर ऑफ ट्रुथ) मानते है। उन्होंने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के साथ एक पॉडकास्ट नेहरू की राजनीति, आदर्श,विचार और योगदान के वारे वात की।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस संवाद के दौरान अमेरिकी शुल्क सेजुड़े विषय का भी उल्लेख किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झुक गए, जबकि नेहरू और इंदिरा ऐसी परिस्थिति में कभी नहीं झुकते। उन्होंने अपने परिवार के राजनीतिक दर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति वास्तव में सत्य के लिए होती है । राहुल गांधी का कहना था, नेहरू जी ने हमें राजनीति नही सिखाई, उन्होंने हमें डर का सामना करना और सच्चाई के लिए खड़ा होना सिखाया।
उन्होंने भारतीय नागरिकों को उत्पीड़न का विरोध करने और अंततः स्वतंत्रता का उदघोष करने का साहस दिया। उनकी सबसे बड़ी विरासत सत्य की उनकी निरंतर खोज में निहित है। एक ऐसा सिद्धांत है जिसने उन सभी चीज़ों को आकार दिया जिनके लिए वे खड़े थे। उनके अनुसार, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने कभी खुद को नेता के रूप में नहीं देखा और उनके परिवार का हमेश यही मानना रहा कि राजनीति सच्चाई के लिए होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं भी खुद को नेता के रूप में नहीं देखता, वल्कि सत्य का साधक हूं। कांग्रेस नेता ने कहा, भारत को उन स्थितियों का सामना करने की हिम्मत करनी पड़ेगी जो आज उसके सामने है।
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