जब अपने ही परमाणु बम से अमेरिका में मचने वाली थी तबाही जानिए कैसे

नई दिल्ली। क्या आप यह जानते हैं कि एक समय ऐसा भी आया था, जब अमेरिका का ही परमाणु बम उसी के देश में गिर गया था और वो तबाह होते-होते बचा था। यह घटना आज से 64 साल पहले की है। इस्राइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। इस्राइल और ईरान के बीच शुरू युद्ध खतरनाक रूप लेता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फहान हमला किया है, जो पूरी तरह सफल रहा है। इस्राइल और अमेरिका का ईरान पर इस हमले का मकसद उसे परमाणु बनाने से रोकना है।

एक समय जब परमाणु बम बनाने की दुनियाभर में होड़ मची हुई थी। 50-60 के दशक में अमेरिकी और सोवियत संघ दो ऐसे देश थे, जिनके पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार थे। यह तो सभी जानते हैं कि अमेरिका ने जापान के दो शहरों हिरोसिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे, जिससे लाखों लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि एक समय ऐसा भी आया था, जब अमेरिका का ही परमाणु बम उसी के देश में गिर गया था और वो तबाह होते-होते बचा था। यह घटना आज से 64 साल पहले की है।

साल 1961 की बात है। अमेरिका में उस समय की सबसे बड़ी तबाही मच सकती थी, जब चार मेगाटन का एक परमाणु बम फटने से बस एक बटन दूर था। साल 2013 में सार्वजनिक हुए अमेरिका के कुछ गुप्त दस्तावेजों से यह बात सामने आई थी । गुप्त दस्तावेजों के मुताबिक, 23-24 जनवरी, 1961 को अमेरिका का एक बी 52 विमान उत्तरी कैरोलिना के ऊपर से गुजर रहा था, लेकिन अचानक विमान में कुछ खराबी आ गई और वो अनियंत्रित होने लगा, जिसके बाद विमान में रखे दो मार्क 39 परमाणु बम नीचे जमीन पर गिर गए और उनमें से एक में डिटोनेशन प्रक्रिया शुरू हो गई, यानी बम के फटने की प्रक्रिया शुरू हो गई।

हालांकि, यह परमाणु बम फट नहीं पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कम- वोल्टेज के स्विच के नाकाम हो जाने की वजह से यह खौफनाक दुर्घटना टल गई थी। बाद में अमेरिकी वायु सेना के जवानों ने उस बम को जमीन के अंदर बने एक गहरे गड्ढे से निकाला था ।

कहा जाता है कि यह परमाणु बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए मों से 260 गुना ज्यादा शक्तिशाली था । अमेरिकी सरकार ने इस घटना के बारे में पहले भी स्वीकार किया था, लेकिन कभी भी यह सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया गया था कि अमेरिका परमाणु बम विस्फोट के कितने करीब था। कहा यह भी जाता है कि विमान से परमाणु बम गिराने के चक्कर में दो क्रू-मेंबर्स की मौत हो गई थी और विमान भी हादसे का शिकार हो गया था।

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