सूर्य के वातावरण में बड़ा धब्बा , बंद हो जाएंगे इंटरनेट

गुल हो जाएगी बिजली सूरज ने बढ़ाई धरती की टेंशन, छा जाएगा अंधेरा

नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक बड़ी चेतावनी है। उन्होंने बताया कि सूर्य पिछले कई दिनों से एक्टिव है और उसके वातावरण में एक बड़ा सा धब्बा दिखाई दे रहा है, जिसका नाम एआर 4087 है। खतरे की बात यह है कि यह धब्बा धीरे-धीरे जमीन की तरफ घूम रहा है और जैसे-जैसे से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है वैसे-वैसे बड़ा होता जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है और पृथ्वी इस समय किसी बड़े तूफान को झेलने के लिए तैयार है।

सरकार को किया अलर्ट खतरों को भांपने के बाद वैज्ञानिकों ने सरकारों से अपील की है कि वो जल्द से जल्द इस तरह के हालात से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाएं, साथ ही अंतरिक्ष के मौसम पर नजर बनाए रखने के लिए और ज्यादा सैटेलाइट्स की जरूरत है। साथ ही सौर तूफानों की पूर्व चेतावनी देने वाले सिस्टम को और बेहतर बनाना जरूरी है।

वैज्ञानिकों ने जिस आपातकालीन अयास में 2028 की तारीख तय की थी, अब वही स्थिति इस हफ्ते हकीकत बनती दिख रही है। अगर सूरज की तरफ से एक और शक्तिशाली सौर विस्फोट पृथ्वी की दिशा में होता है तो इसका असर बहुत व्यापक और गंभीर हो सकता है। अभी हाल ही में 19 मई 2025 को सूरज ने एक बहुत ही शक्तिशाली एक्स क्लास सौर विस्फोट किया था, जिसकी लंबाई करीब 10 लाख किलोमीटर थी। इस विस्फोट से पृथ्वी की तरफ एक्सरे और पराबैंगनी (यूवी ) किरणें आईं, जिससे कुछ जगहों पर रेडियो सिग्नल में रुकावट आ गई।

पिछले हफ्ते हुआ बड़ा सौर विस्फोट
डर इसलिए भी बढ़ जाता है, योंकि पिछले ह ते इसी धबे से एक बड़ा सौर विस्फोट हुआ था, हालांकि यह विस्फोट पृथ्वी की दिशा में नहीं था, इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इसी को देखते हुए अब वैज्ञानिकों को खतरा महसूस हो रहा है कि अगर ऐसा विस्फोट पृथ्वी की तरफ होता है तो हालात गंभीर और सकते हैं। साथ ही पृथ्वी भी इस तरह के खतरे को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।

चार तरह का है खतरा
वैज्ञानिकों ने चार तरह की स्थितियों का अंदाजा जाहिर किया है। जिनमें सबसे खतरनाक स्थिति को सोलर सुपरस्ट्रोम नाम दिया है। उन्होंने बताया कि अगर यह जमीन के टकराता है तो इंटरनेट सर्विस कई हफ़्तों के लिए बंद हो सकती हैं। अमेरिका समेत कई देशों की बिजली गुल हो सकती है, यह असर खास तौर पर पूर्वी क्षेत्रों में देखने को मिल सता है। इसके अलावा हर तरह के यातायात और गैस पाइपलाइनों पर भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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